22 अक्तूबर 1947, वो दिन था जब पाकिस्तानी सेना ने जम्मू कश्मीर हमला किया था. पाकिस्तानी सेना ने ये हमला तत्कालीन जम्मू कश्मीर के कोटली-मुज्जफराबाद इलाके में किया था. जो अब पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू कश्मीर का हिस्सा है. लेकिन वहां के लोग आज भी पाकिस्तान की इस घुसपैठ को नहीं भूले हैं. इसीलिए सोमवार को POJK के मुज्जफराबाद, रावलकोट, कोटली, गिलगित, जैसे कई हिस्सों में स्थानीय लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया और इस दिन को ब्लैक डे के रूप में मनाया. लोगों ने अपने-अपने शहरों में रैलियां निकालीं, जिसमें नौजवानों ने बढ़कर हिस्सा लिया.
POJK में लोग 71 साल से पाकिस्तान के खिलाफ आज़ादी की मांग कर रहे हैं. लेकिन इंटरनैशनल बिरादरी ने कभी पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू कश्मीर में लोगों पर हो रहे जुल्म और प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन की तरफ ध्यान ही नहीं दिया. यहां तक कि भारत की अब तक की सरकारों ने भी इन लोगों की सुध नहीं ली.
हाल ही में पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तेज़ हो गए हैं. क्योंकि पाकिस्तान पहले ही पीओजेके का काफी हिस्सा चीन-पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरिडोर की भेंट चढ़ा चुका है और पाकिस्तान गिलगित में दायमर-बाशा डैम बना रहा है, स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं.