पुस्तक का नाम – स्वरगोविन्दम्
विसंके जयपुर। 5 नवम्बर 2017 को जयपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित हुए कार्यक्रम स्वरगोविन्दम् 2017 के अनेक चित्रों के संकलन के रुप में जारी की गई यह सुन्दर चित्र पुस्तिका सच में देखने योग्य है। पुस्तिका के प्रारंभ में ही स्वरगोविन्दम् कार्यक्रम का परिचय दिया गया है साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक स्व. श्री कृष्णचन्द्र जी भार्गव (भैया जी), जिन्हें यह कार्यक्रम समर्पित किया गया है, का भी संक्षिप्त परिचय दिया गया है। साथ ही सुन्दर स्वरगोविन्दम् गीत पढ़ने योग्य है।

स्वरगोविन्दम् स्मारिका
पुस्तिका में स्वयंसेवकों द्वारा अभ्यास वर्ग के चित्रों का संकलन तथा घोषवादकों द्वारा नगर के प्रमुख मन्दिरों जैसे मोती डूंगरी गणेश जी, गोविन्द देव जी, झारखण्ड महादेव जी, स्वामीनारायण आदि मन्दिरों में घोष के माध्यम से भगवान को कार्यक्रम के निमंत्रण के चित्र एवं स्वतंत्रता दिवस पर शहीद स्मारक पर घोषवादन के चित्र अत्यंत सुन्दर लगे। घोष गाँव की तैयारी एवं घोष वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी के चित्र भी देखने योग्य हैं। स्वयंसेवकों द्वारा पर्यावरण का संदेश देते चित्रों का भी अद्भुत संकलन है।
समारोह की तैयारियां एवं झांकियों के चित्र भी बहुत सुन्दर लगे। 6 किमी लम्बी सुन्दर रंगोली, जो शहर की सड़कों पर बनाई गई तथा जिसे बनाने में 2200 से अधिक स्थानीय लोगों की सहभागिता है, के चित्र देख आप उसकी सुन्दरता पर मुग्ध हुए बिना नहीं रह पाएंगे। घोष वादकों का वादन एवं संचलन, माननीय सरसंघचालक जी का उद्बोधन एवं संत समाज के अतिथियों का चित्रण भी बहुत सुन्दर है। पुस्तिका के अंत में दिये गए चित्रों को देखकर लगा कि किस तरह अगले दिन सभी समाचार पत्र समारोह की खबरों एवं सुन्दर चित्रों से पटे पड़े थे। परन्तु पूरी पुस्तिका में सबसे सुन्दर चित्रण इसके मध्य पृष्ठ पर दिया गया है। घोष वादकों की व्यूह रचना की ड्रोन के माध्यम से फोटोग्राफी द्वारा एकत्रित किए गए चित्रों का पृष्ठ देखकर आप हैरान रह जाएंगे। घोष वादकों की ऐसी सुन्दर व्यूह रचना, जिसे देखकर आप उनके अथक परिश्रम एवं अभ्यास को सराहें बिना नहीं रह पाएंगे। कुल मिलाकर चित्रों के संकलन की इस सुन्दर पुस्तिका को आप बार-बार देखने के लिए विवश हो जाएंगे।