सेक्रेड गेम्स यानि पवित्र (धार्मिक) खेल। विक्रम चन्द्रा के लिखे 1000 पन्नों के उपन्यास में मुम्बई के अपराध जगत, पुलिस, सिने जगत, राजनेता और धर्मगुरूओं के गठजोड़ की कहानी है। जिस पर स्ट्रीमिंग टेक्नोलॉजी के माध्यम से इन्टरनेट पर फिल्म दिखाने वाली मल्टीनेशनल कम्पनी नेटफ्लिक्स ने वेब सीरीज बनाई है। नेटफ्लिक्स, दुनिया के अनेक देशों में वहाँ की परिस्थितियों के अनुरूप फिल्में बनाकर इन्टरनेट पर दिखाने के बिलकुल नये किस्म के कारोबार में हाथ डाल चुकी है। उसी क्रम में भारत में भी कई वेब फिल्में और वेब सीरीज बन रही हैं। इन्टरनेट के माध्यम से फिल्म दिखाने में निर्माता, निर्देशक, कहानीकार और अभिनेता सभी को अधिक और अपूर्व स्वतंत्रता मिल जाती है, क्योंकि इस प्रदर्शन पर किसी भी देश के फिल्म सेन्सर बोर्ड का नियन्त्रण नहीं होता है। शुल्क देकर, दर्शक जब चाहे, जो चाहे फिल्म, बिना किसी विज्ञापन प्रदर्शन के, अपनी सुविधा से, जितनी बार चाहे, देख सकता है। यहाँ दर्शक सिनेमा हाल और टेलीविजन की तुलना में अधिक सुविधा और स्वतंत्रता पाता है।
पिछले कुछ समय से समाज के यर्थात का चित्रण करने के नाम पर अश्लीलता, फूहड़ता और वहशीपन को कला कह कर प्रस्तुत किया जा रहा है। विज्ञान और टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके सभ्यता सांस्कृति को समृद्ध करने के बजाये उनका विनाश किया जा रहा है।
अपराध जगत के कुख्यात नाम जैसे, करीम लाला, हाजी मस्तान, दाऊद इब्राहिम, छोटा राजन और अरूण गवली आदि के जीवन का घालमेल करके कहानी बना दी गयी है।
किन्तु इसमें एक धर्म का ऐंगल भी शांतिराना ढंग से जोड़ा गया है। भारत का सारा समाज, सरकारी विभाग, राजनीति और यहाँ तक कि अपराध जगत भी हिन्दू-मुस्लिम दो साम्प्रदायिक धड़ों में बंटा दिखाया गया है। पूरी वेब सीरीज में मुसलमानों को पीड़ित की तरह दिखाया गया है, उन्हें हिन्दू अपनी धार्मिक मान्यताआें के कारण एक तरफा प्रताड़ित कर रहे हैं। हिन्दुओं के प्रति हीनता और घृणा तथा मुसलमानों के प्रति सहानुभूति उत्पन्न करने का प्रयास करती इस वेब सीरीज के पहले सीजन के आठ एपीसोड लगभग 50-50 मिनट लम्बे है। प्रत्येक एपिसोड का शीर्षक भारत के धार्मिक पौराणिक साहित्य में वर्णित महान और महत्वपूर्ण चरित्रों और घटनाओं के नाम पर दिया गया है, जैसे अश्वत्थामा, ययाति और रूद्र आदि।
हजारों वर्षों पहले हुए महापुरुषों और धार्मिक घटनाओं के नामों को आज के अपराध जगत से जोड़कर यह साबित करने का प्रयास किया गया है कि हिन्दू धर्म समाज के प्रति अपराध करने के लिये प्रेरित करता है और सब कुछ नष्ट कर विनाश करना चाहता है। यानि भारत के हिन्दू अपराधी अपनी धार्मिक पुस्तकों और पौराणिक कहानियों से प्रेरणा लेकर अपराध करते हैं। वेब सीरीज के निर्माण से जुड़े लोग भले ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सृजनशीलता का झण्डा लेकर दौड़ते रहें, किन्तु इस्लाम, उसकी उग्रता और आक्रामकता का वास्तविक चित्रण करने की हिम्मत नहीं जुटा सकते हैं। भारत सहित विश्व सिनेमा, दुनिया भर का मीडिया और बड़ी से बड़ी मल्टीनेशनल कम्पनियां भी इस्लाम और उसकी कुरीतियों के प्रति टकराव से बचकर चलते हैं। भय, अपराध बोध अैर लालच द्वारा लोगों को नियन्त्रित रखने की इस्लामिक शक्ति के आगे सभी घुटने टेक चुके हैं। दुनिया भर में अप्रत्यक्ष रूप से शरिया कानून किश्तों में लागू हो रहा है।
इसीलिये कहानी में ‘‘कॉनफ्लिक्ट’’ दिखाने के लिये सहिष्णु हिन्दू धर्म और धर्म गुरूओं को खलनायक और समाज के शत्रु के रूप में प्रस्तुत किया गया है जो कि पूरी मुम्बई को ही नष्ट कर देना चाहते हैं। कारण? वह वेबसीरीज के अगले सीजन में मालूम चलेगा।
अन्त में, स्वागत है आपका, एक ऐसे नये विश्व में जिसमें विकसित होती टेक्नोलॉजी, बढ़ता हुआ इन्टरनेट का प्रभाव, विश्व भर के लोगों की सोच और मान्यताओं को अपने नियन्त्रण में ले रहा है। पूरा झूठ या आधा सच दिखाकर करोड़ों लोगों में ‘‘ओपिनियन बिल्डिंग’’ का काम चल रहा है।
सेक्रेड गेम्स जैसी वेब सीरीज हमें यह जानने के लिए देखनी चाहिए कि किस प्रकार से हिन्दू धर्म के विरुद्ध अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर षडयंत्र हो रहे हैं। एक देश की सांस्कृतिक हत्या में वहीं के लोग किस प्रकार से उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं। नेटफ्लिक्स या हॉलिवुड से जुड़ने के लिये तरसते हुए सिने जगत के लोग किसी भी सीमा तक गिर सकते हैं। समाज विरोधी वेबसीरीज का निर्माण कर स्वयं को धन्य मान रह रहे हैं। आपकी नाक के नीचे आपको नष्ट करने की साजिशें हो रही हैं। इसीलिये सेक्रेड गेम्स देखनी चाहिए।
– मनु त्रिपाठी