रामभक्त की रोचक कहानी—
एक किलो सोने और सात किलो चांदी से बनी भगवान राम की पादुकाएं
—देशभर में घुमने के बाद 19 जनवरी को पहुंचेंगी अयोध्या
—हैदराबाद के श्रीचल्ला ने बनाई हैं पादुकाएं
—50 साल की नौकरी छोड़ राम को हुए समर्पित
जयपुर। अयोध्या में भगवान श्रीराम के नवनिर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने जा रही हैं। इसको लेकर राम नगरी में जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान की चरण पादुकाएं भी वहां पर रखी जाएंगी। फिलहाल, ये पादुकाएं देशभर में घुमाई जा रही हैं, जो प्राण- प्रतिष्ठा महोत्सव से पहले यानी 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगी। इससे पहले सोमनाथ ज्योतिर्लिंग धाम, द्वारकाधीश नगरी और इसके बाद बद्रीनाथ जैसे धामों में पादुकाएं ले जाई जाएंगी।
पादुकाओं से जुड़ी ये रोचक जानकारी आपका मन प्रफुल्लित कर देने वाली होगी। दरअसल, मंदिर में लगने वाली ये चरण पादुकाएं एक किलो सोने और सात किलो चांदी से बनाई गई हैं। इनमें बेशकीमती रत्नों का उपयोग भी किया गया है। पादुकाओं देश के अलग- अलग स्थानों के प्रसिद्ध मंदिरों से होकर गुजर रही हैं। जहां पर भक्त और श्रद्धालुगण इसके दर्शन कर खुद को बहुत भाग्यशाली और रामराज में ऐसी कल्पना को साकार रूप में पाकर अभिभूत हो रहे हैं। जिन भक्तों को इसे अपने सिर पर धारण करने का सौभाग्य मिल रहा हैं वे इसे अपने प्रारब्ध का ही पुण्य मान रहे हैं।
हैदराबाद में बनीं हैं ये चरण पादुकाएं—
इन चरण पादुकाओं को हैदराबाद के श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने बनाया है। ये चरण पादुकाएं हाथ में लेकर श्रीनिवास अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर की 41 दिन की परिक्रमा भी कर चुके हैं।
कोर्ट के फैसले ने बदल दिया जीवन—
रामभक्त श्रीचल्ला की कहानी भी आज हम सभी को जाननी चाहिए। हैदराबाद के चल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही अपनी नौकरी छोड़कर अपना पूरा जीवन श्रीराम को समपिर्त कर दिया है। शास्त्री फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहे थे। राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही श्रीनिवास शास्त्री ने अपनी 50 साल की नौकरी छोड़ कर अपना पूरा जीवन श्रीराम को समर्पित करने का फैसला कर लिया। जिसका एक बड़ा उदाहरण हम सबके सामने राम मंदिर में विराजित होने जा रही चरण पादुकाओं के रूप में सामने हैं।