-विद्या भारती राजस्थान का प्रतिभा सम्मान समारोह
विसंकेजयपुर
जयपुर, 5 जुलाई।
भारत विश्वगुरु था नहीं, है और सदा रहेगा। इस बात को लेकर किसी को शक नहीं होना चाहिए। यह बात राजस्थान के शिक्षाराज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कही। श्री देवनानी मंगलवार को जयपुर के बिडला सभागार में आयोजित विद्या भारती राजस्थान के प्रतिभा सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए बोल रहे थे।
श्री देवनानी ने कहा कि अनेक लोग बिना विचारें बात कह जाते हैं कि कभी भारत विश्वगुरु था जबकि सत्य यह है कि भारत हमेशा से ही विश्वगुरु रहा है। वर्तमान में भी विश्व का गुरु है और भविष्य में भी रहेगा। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण भारत के आग्रह पर 21 जून को पूरे विश्व द्वारा योग दिवस मनाना है। भारतीय सभ्यता—संस्कृति, जीवन मूल्य और हिन्दुत्व विचार की स्वीकार्यता विश्व में बराबर बढती ही जा रही है।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मा.शिक्षा बोर्ड राज.के अध्यक्ष श्री बद्रीनारायण चौधरी ने भी संबोधित किया। समारोह के दौरान राजस्थान शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित दसवीं और बारहवीं कक्षा की वरीयता सूची में स्थान प्राप्त करने वाले विद्या मंदिरों के विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया गया।
विद्या भारती की पैठ—श्री गोविन्द्र प्रसाद शर्मा
विद्या भारती के रा.अध्यक्ष श्री गोविन्दप्रसाद शर्मा ने कहा कि विद्या भारती ने देश में शिक्षा के क्षेत्र में अपनी पैठ बनाई है। इस क्षेत्र में विद्या भारती पिछले कई सालों से कार्यरत है। उसकी ओर से आदर्श विद्या मंदिर, केशव विद्यापीठ आदि नाम से देशभर में हजारों की संख्या में विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं। यह विद्यालय विद्यार्थियों को उत्तम संस्कार और बेहतर शिक्षा उपलब्ध करा रहे हैं। शिक्षा क्षेत्र में इन विद्यालयों का दबदबा बरकरार है। विद्या मंदिरों में अध्ययन करने वाले विद्यार्थी बेहतर शिक्षा प्राप्त कर स्थानीय राज्यों की बोर्ड परीक्षाओं में कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान द्वारा इस बार घोषित दसवीं और बारहवीं के परीक्षा परिणामों में इन विद्या मंदिरों का परिणाम शानदार रहा है। राजस्थान शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित दसवीं और बारहवीं कक्षा की वरीयता सूची में विद्या मंदिरों के 23 विद्यार्थियों ने स्थान प्राप्त किया है।