51000 बच्चो ने एक साथ किया वंदे मातरम का गायन

 

VandeMatram

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गुरुग्राम में आयोजित ‘वायस ऑफ युनिटी’ कार्यक्रम में आज 400 स्कूलों के 51000 बच्चो ने एक साथ वंदे मातरम का गायन कर के इतिहास रचा। यह कार्यक्रम हिन्दू आध्यात्मिक एंव सेवा फाऊंडेशन द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें बॉलीवुड के संगीतकार व गायक डा. पलाश सेन ने अपने यूफोरिया बैंड के साथ समां बांधा। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की और पलाश सेन के देशभक्ति गीत पर जोश के साथ तिरंगा लहराया।

समारोह का शुभारंभ मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। समारोह में प्रस्तुति देने के लिए खासतौर पर डा. पलाश सेन के यूफोरिया बैंड को बुलाया गया था। समारोह में मुख्य मंच के पीछे एलईडी स्क्रीन लगाई गई थी। पलाश सेन ने अपने बैंड की धुन पर आकर्षक प्रस्तुति दी जिसका उपस्थित सभी दर्शकों ने खूब आनंद उठाया। पलाश सेन ने लगभग 45 मिनट तक अपने गीतों के माध्यम से दर्शकों का मनोरंजन। उनकी प्रस्तुति से खुश होकर जहां दर्शक लगातार तालियां बजा रहे थे वहीं बच्चें भी जमकर नाच रहे थे। उन्होंने अपनी प्रस्तुति में ‘आगे जाने राम क्या होगा’,‘जुगनी’, ‘ कोकलाची पाकी’,‘लथ्थे की चादर’, ‘देश है वीर जवानो का’, ‘मायरी याद वो आय री’ आदि गीत गाए। हरियाणा के मुख्यमंत्री का मंच पर स्वागत ‘सबसे आगे होंगे हिन्दुस्तानी’ गीत से किया गया और इस गीत पर मुख्यमंत्री ने खुशी से झूमते हुए जोश के साथ तिरंगा लहराया। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने मंच से हाथ हिलाकर सभी दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया।
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अपना संबोधन ‘भारत माता की जय’ बोलकर शुरू किया जिसका उत्तर भी सभी बच्चों व दर्शकों ने एक ही स्वर में ‘भारत माता की जय’ बोलकर दिया। उन्होंने कहा कि गुरु द्रोणाचार्य की धरती पर आज 50000 बच्चे राष्ट्रभक्ति का भाव लेकर एक स्वर से गूंजे है। उन्होंने देश की आजादी का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि संविधानसभा की पहली बैठक को वंदे मातरम् से शुरू किया गया तथा ‘जन-गण-मन’ से उसका समापन हुआ। उसके बाद ये दोनों गीत हमारे लिए सम्माननीय हो गए। हम अपने देश को मातृभूमि कहते है और मातृभूमि की वंदना ‘वंदे मातरम्’ गीत से की जाती है। उन्होंने कहा कि यह केवल भूमि का टुकड़ा नही है बल्कि हमारी मां है और हम इसकी संतान है। उन्होंने कहा कि हरियाणा स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहा है, इसी कड़ी से आम जनता को हरियाणा के गौरव से जोडऩे के लिए हरियाणा सरकार द्वारा कई कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं। उसमें इस कार्यक्रम को भी शामिल करेंगे तो खुशी होगी। मुख्यमंत्री ने हरियाणा में गत् दिनों कुरूक्षेत्र मे आयोजित हुए अंतर्राष्ट्रीय गीता जंयती महोत्सव का उल्लेख करते हुए कहा कि उसमें 18000 बच्चों ने गीता के श£ोकों का एक साथ उच्चारण किया था, परंतु यह आयोजन उससे भी बड़ा है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार 50 हज़ार बच्चों ने एक साथ वंदे मातरम् का गायन किया है।
उन्होंने कहा कि  हिन्दू स्वार्थवादी नही परोपकारी हैं और संपूर्ण विश्व का कल्याण चाहते है। उन्होंने गुरुग्रंथ साहिब का उदाहरण देते हुए कहा कि हम सबका भला चाहते है। हम भारतवासी ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की बात करते हैं अर्थात् पूरा विश्व हमारा परिवार है और ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया’ अर्थात् पूरे विश्व के सुख की कामना करते हैं। उन्होंने कहा कि भौगोलिक विषमताओं के बावजूद देश एक है और हमारे सिद्धांत व विचारधारा को दुनिया में मान्यता मिली है। भारत की जनता अपने संस्कारों के बल पर विश्व को रास्ता दिखाएगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी दर्शकों का आह्वान किया कि वे संकल्प लें कि देश हित के लिए हमेशा काम करेंगे। उन्होंने सभी को शपथ भी दिलाई कि ‘मैं वृक्षों को वनों का प्रतीक मानकर उनकी उपासना करता हूं, मैं सांपो को वन्य जीवन का प्रतीक मानकर उनमें श्रद्धा रखता हूं, मैं गाय को प्राणी मात्र का प्रतीक मानकर उसकी पूजा करता हूं, मैं गंगा को प्रकृति का प्रतीक मानकर श्रद्धा रखता हूं, मै धरती को पर्यावरण का प्रतीक मानकर पूजता हूं, मैं माता-पिता को मानव मूल्यों का प्रतीक मानकर पूजता हूं, मैं शिक्षकों को सीखने का प्रतीक मानकर पूजता हूं, मैं नारी को मातृत्व का प्रतीक मानते हुए पूजता हूं, मैं राष्ट्र नायकों को भारत का प्रतीक मानकर पूजता हंू।’

 

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