भारत में लेनिन और मार्क्स की मूर्तियों का औचित्य नहीं: रामदेव

भारत में किसी दूसरी आइडियोलॉजी की जरूरत नहीं है। भारत के पास अपने ही कई महान व्यक्तित्व हैं, इसलिए भारत में उनकी मूर्तियां लगाई जानी चाहिए। भारत में लेनिन और मार्क्स  की मूर्तियों को लगाने का कोई औचित्य नहीं है, यह राम और कृष्ण की भूमि है। ये विचार स्वामी रामदेव ने उत्तराखंड के ऋषिकेश में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग समारोह के अंतिम दिन वयक्त किए। उन्होंने कहा कि आज योग पूरे विश्व में अपनी महत्ता को सिद्ध कर चुका है। योग गुरु ने कहा कि योग में शांति, स्वास्थ्य, समृद्धि और एकता समाहित है। स्वामी रामदेव ने कहा कि योगी का जीवन शुद्ध व पवित्र होना चाहिए। ब्रह्म और ब्रह्मांड के एकत्व का नाम ही योग है। योग ही है जो पूरे विश्व में शांति का पैगाम दे सकता है। जो व्यक्ति प्रातः काल योग करेगा उसका पूरा दिन अच्छा होगा। कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण, प्रेम बाबा, पद्मश्री भारत भूषण आदि उपस्थित थे।

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