प्रखर राष्ट्र चिंतक एवं शिक्षाविद मोतीसिंह राठौड़ की 91वी जयंती रामलीला मैदान स्थित राजलक्ष्मी वाटिका में आयोजित की गई!समारोह के सानिध्य प्रदाता *राघवाचार्य महाराज* ने कहा कि मोतीसिंह जैसे व्यक्ति का जीवन चरित्र आधुनिक पीढ़ी के सामने लाया जाना चाहिए ताकि लोग उस से प्रेरणा ले सकें! *समारोह के मुख्य वक्ता लोकेश कुमार शेखावत पूर्व कुलपति ने कहा कि मुझे बचपन से ही मोतीसिंह जी का सानिध्य मिला और उन्होंने जो मेरे को संस्कार दिए आज मैं जो कुछ भी हूं वह उनकी ही देन है! समारोह के मुख्य अतिथि कैलाश चंद्र* क्षेत्रीय प्रौढ़ प्रमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि मोतीसिंह जी का जीवन चरित्र बहुआयामी एवं प्रेरणास्पद था! उनकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं था* विशिष्ट अतिथि ईश्वर सिंह राठौड़ सेवानिवृत्त आर एस अधिकारी ने कहा की जब मैं पढ़ता था तब से ही मोतीसिंह जी के संपर्क में था समारोह के अध्यक्ष उनके सहपाठी वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी रणमल सिंह ने उनसे जुड़े कई संस्मरण सुनाएं तथा कहा कि मोतीसिंह राठौड़ वस्तुतः मरुधरा के मोती थे प्रारंभ में आयोजन समिति के दयाल सिंह शेखावत ने अतिथियों का परिचय दिया।श्री अग्रवाल समाज प्रन्यासः के अध्यक्ष प्रमोद सिंघानिया ने स्वागत भाषण किया। कार्यक्रम का परिचय शिक्षाविद दयाराम महरिया ने दिया ।पुष्कर उपाध्याय ,रामेश्वर रणवा, माल सिंह ,पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा महेश शर्मा, महावीर पुरोहित, पुष्कर दत्त उपाध्याय आदि ने संबोधित किया ।कार्यक्रम का प्रारंभ डॉ रविन्द्र धाबाई द्वारा वंदेमातरम गान से की गई! मोती सिंह जी राठौड़ की धर्मपत्नी उछब कंवर का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया। गोपाल सिंह शेखावत एवं रिछपाल जी वैध के द्वारा गीत प्रस्तुत किया गया तथा धन्यवाद शंकर भारती के द्वारा दिया गया! समारोह का संचालन नेकी राम आर्य ने किया!