शक्ति पर्व पर हुआ शस्त्रों का पूजन

स्वयंसेवकों ने किया पथ संचलन
pathsanchlan
जयपुर (विसंकें)। हिन्दू केवल एक पूजा पद्धति नही बल्कि एक जीवन शैली है। हिन्दू राष्ट्र है तो सर्वे भवन्तु सुखिनः की बात करता है। यह राष्ट्र हिंदू राष्ट्र है और हिन्दू शब्द सर्व समावेशी है। हिन्दू संस्कृति में विजय दशमी का उत्सव विशेष ऊर्जा और गौरव  देने वाला है। आज का दिन हमें वीरोचित इतिहास की याद दिलाता है।

विजयदशमी का यह पर्व धर्म की विजय का पर्व है। विश्व पटल पर आज हिंदुत्व का जागरण हुआ है। संघ हिंदुत्व की पहचान को आगे बढ़ा रहा है। संघ का स्वयंसेवक समाज में दीपक की ज्योत की तरह कार्य करता है। संघ व्यक्ति निर्माण का कार्य करता है, ऐसे वक्तव्य शक्ति पर्व पर शाखाओं पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवकों ने अपने उद्बोधन में कहे। वक्ताओं ने कहा कि हम सब को अपने समाज को संगठित करने की आवश्यकता है। साथ ही यह भी ध्यान देना होगा कि समाज में भेद उत्पन्न नहीं हो पाए। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को ऊपर उठाने की जिम्मेदारी हम सब की है। यह हम सबका काम है।

आज जयपुर महानगर में 30 स्थानों पर शस्त्र पूजन का आयोजन हुआ, स्वयंसेवकों ने शारीरिक प्रदर्शन किया। सभी स्थानों से सैकड़ों स्वयंसेवकों ने कदम से कदम मिलाते हुए घोष के साथ शहर के विभिन्न मार्गों पर पथ संचलन किया। कार्यक्रमों में पूर्व सेना अधिकारी, लेखक, विचारक, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

pathsanchalan1

 

 

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sixteen + thirteen =