अब आर नहीं, पार करो (भाग-6)

नरेन्द्र मोदी आगे बढ़ो, देश तुम्हारे साथ है

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की योजना और इशारे पर हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद जिस तरह से भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी कूटनीतिक ‘चाणक्य नीति’ का परिचय सारे संसार को दिया है उससे उत्साहित होकर समस्त भारतवासी एकजुट होकर सरकार के साथ खड़े हो गए हैं। देशवासियों को विश्वास हो गया है कि अब पाकिस्तान की नापाक और दहशतगर्द हरकतों का न केवल माकूल जवाब ही दिया जाएगा बल्कि पाकिस्तान के अस्तित्व को भी निशाने पर रखा जाएगा।

आज प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में भारतीय वायुसेना के जांबाज जवानों ने नया इतिहास रच दिया है। दुनिया के इतिहास की सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक करके भारतीय वायुसेना के मिराज लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान की सीमा के 40 मील अंदर घुसकर जैश ए मोहम्मद के उस आतंकी ठिकाने को तबाह कर दिया है, जहां से आतंक का प्रशिक्षण लेकर पाकिस्तानी दहशतगर्द भारत समेत संसार के कई देशों में आतंकी हमलों को अंजाम दे रहे थे।

भारत द्वारा किए गए इस हमले में बालाकोट (पाकिस्तान) स्थित जैश ए मोहम्मद के ठिकाने का संचालन करने वाले सभी आतंकी कमांडरों और शिक्षा देने वाले पाकिस्तानी सैन्य अफसरों समेत 300 से ज्यादा दहशतगर्द भून डाले गए। पाकिस्तान के इस खैबर- पख्तूनख्वा इलाके में लगे हुए पाकिस्तान के राडार और हवाई सेना के जवान और कमांडर सबकी आंखों में धूल झौंक कर भारत के लड़ाकू जहाजों ने दहशतगर्दी के सबसे बड़े अड्डे पर झपट्टा मारकर पुलवामा हमले का न केवल बदला ही लिया अपितु भविष्य में पाकिस्तान को दुनिया के नक्शे से मिटा देने का बिगुल भी बजा दिया।

भारत ने पाकिस्तान समेत सारी दुनिया में दहशतगर्द मुल्क के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही करके ऐलान कर दिया है कि पाकिस्तान की बर्बादी तक जंग जारी रहेगी। यह भी ध्यान दें कि भारत की वायु सेना ने यह सर्जिकल स्ट्राइक अभी दहशतगर्दी के अड्डों पर की है। अभी तो यह अंगड़ाई है आगे लम्बी लड़ाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत ही सोची समझी रणनीति के तहत भारतीय सेना के तीनों अंगों को कहीं भी, कभी भी और किसी भी ढंग से कार्यवाही के आदेश जो पिछले सप्ताह दिए थे, सेना ने उन आदेशों का पालन जंग ए मैदान में करना शुरु कर दिया है।

देश की जनता प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय सेना के साथ एकजुट होकर खड़ी हो गई है। समस्त भारतवासियों की अब एक ही इच्छा है कि पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में चल रहे आतंकी ठिकानों, आई.एस.आई. के ठिकानों और वहां के सैनिक ठिकानों पर भी आक्रामक व तगड़े प्रहार करके उन्हें पूरी तरह नेस्तेनाबूद कर दिया जाए। भारतवासी अपने वीरव्रती प्रधानमंत्री से यह उम्मीद भी करते हैं कि इस बार पाकिस्तान के पिछले 70 साल के गुनाहों का पूरा हिसाब होना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि पिछले 4 युद्धों में हमारी बहादुर सेना ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी थी। परन्तु हमारी तत्कालीन सरकारों ने युद्ध के बाद वार्ता की मेज पर बैठकर इस बहादुरी को पराजय में बदल दिया। 1947 के भारत-पाक युद्ध में जिस 2/3 कश्मीर पर पाकिस्तान ने जबरन कब्जा कर लिया था, उस कश्मीर को हम इसके बाद में हुए तीन युद्धों में मुक्त नहीं करवा सके। क्योंकि सभी युद्धों में हमारी नीति रक्षात्मक रही है। यह पहला मौका है जब भारत की वायु सेना ने आक्रामक रणनीति का परिचय देते हुए पाकिस्तान के अंदर घुसकर बम वर्षा की है। अब देश की जनता को भरोसा हो गया है कि इस बार पाक अधिकृत कश्मीर को मुक्त करवा लिया जाएगा।

प्रधानमंत्री के सख्त तेवरों के बाद जहां पाकिस्तान में हड़कम्प मच गया है, वहीं भारत में मोदी विरोधियों में भी हड़कम्प मच गया है। वास्तव में तो वर्तमान सरकार की विदेश नीति, रक्षा नीति और अर्थनीति पर सवालिया निशान लगाकर अपनी अधमरी राजनीति को पुर्नजीवित करने में जुटे लोगों को वर्तमान नाजुक समय में सरकार का साथ देना चाहिए। यही देशसेवा और राष्ट्रभक्ति का मापदंड है। सरकार की तथाकथित कमजोरियों को सियासत के कटघरे में खड़ा करने का यह वक्त नहीं है।

यह समय सरकार को रचनात्मक सुझाव देने का है न कि अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का। संकट के समय सरकार की नीतियों की समीक्षा नहीं की जाती। इससे दुश्मन देश को मदद मिलती है और अपने देश की सेना का मनोबल टूटता है। ऐसे समय में जब सारा देश पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हो रहा है, सरकार के द्वारा उठाए जा रहे कदमों में रुकावटें डालने का कोई भी प्रयास देशद्रोह की श्रेणी में आता है।

महाभारत में एक प्रसंग ऐसा आता जब युधिष्ठिर ने पांडवों से कहा था – ‘जब हम पांडव और कौरव आमने सामने होते हैं तो हम 5 और वो 100 होते हैं। परन्तु जब कोई तीसरी ताकत हम पर आक्रमण करे तो हम 105 होते हैं। युधिष्ठिर के इस महावाक्य से उन लोगों को शिक्षा लेनी चाहिए जो एक शत्रु देश की भाषा बोलकर अपनी ही सरकार को बदनाम करने का दुस्साहस कर रहे हैं।

यह समय एकजुट होकर शत्रु पर विजय प्राप्त करने का है, राजनीति करने का यह समय नहीं है। यह काम तो हम आने वाले लोकसभा चुनावों के समय भी कर सकते हैं। आज सभी दल अपने सब भेदभाव मिटाकर सरकार के साथ खड़े हों यही इस समय हमारे राष्ट्र की सबसे बड़ी जरूरत है। भारत की सरकार और सेना पर भरोसा रखें।

-क्रमशः जारी

नरेन्द्र सहगल

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