जयपुर (विसंकें)। श्रीलंका में सीरियल बम धमाकों के बाद वहां की सरकार ने इस्लामिक कट्टरपंथ को जड़ से उखाड़ने की तैयारी कर ली है. इसके लिए सरकार कोई रियायत देने वाली नहीं है, इसके संकेत आने भी शुरू हो गए हैं. श्रीलंका की सरकार ने देश में बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया था, अब देश में केबल ऑपरेटर्स ने जाकिर नाईक के इस्लामिक टीवी चैनल पीस-टीवी पर प्रतिबंध लगा दिया है. जानकारी के अनुसार देश के दो बड़े केबल ऑपरेटर्स “Dialogue” and “LT” ने तत्काल प्रभाव से प्रसारण बंद कर दिया है.
सीरियल बम धमाकों की जांच में सामने आया है कि नेशनल तौहीद जमात से जुड़े आतंकी जाकिर नाईक की तकरीरों से खासे प्रभावित थे. उसी को आधार बनाते हुए एनटीजे का लीडर जाहरान हाशिम यूट्यूब और बाकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भड़काऊ वीडियो डालकर ब्रेनवॉश कर रहा था. सोमवार को ही भारत में एनआईए ने केरल में एक इस्लामिक स्टेट मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर एक मास्टरमाइंड आतंकी रियास अबुबकर को गिरफ्तार किया था. उसने भी कबूला था, कि वो भी जाकिर नाईक के वीडियो देखने के बाद ही इस्लामिक स्टेट से जुड़ने के लिए प्रभावित हुआ था.
उधर, श्रीलंका सरकार ने देशभर में फैली मस्जिदों पर निगरानी और रेगुलेट करने की तैयारी शुरू कर दी है. धमाकों के बाद क्राइम इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट ने देश की कई मस्जिदों पर छापेमारी की, तो भारी मात्रा में हथियार और बम बनाने का सामान बरामद हुआ था. जांच में पता चला कि देशभर में मस्जिदों के जरिये ही एनटीजे जैसे संगठन नौजवानों का ब्रेनवॉश कर आतंकी कार्रवाई में झोंक रहे थे. सूत्रों के अनुसार सरकार ने मस्जिदों पर स्थायी निगरानी का खाका तैयार कर लिया है. जल्द ही इसको लेकर घोषणा कर दी जाएगी.