पिछले महीने आईएमएफ ने पाकिस्तान के 6 अरब डॉलर का नया कर्ज देने के लिए कुछ शर्तें रखी थी। आईएमएफ ने पाकिस्तान से फिस्कल और करंट अकाउंट डेफिसिट कम करने की हिदायत दी थी। इस बीच पाकिस्तानी रूपये की कीमत भी डॉलर के मुकाबले दिन-ब-दिन गिरती जा रही है। ऐसे में पाकिस्तान की माली हालत को सुधारने के लिए कुछ अंतिम कदम उठाये जा रहे हैं। एक है पाकिस्तान के रक्षा बजट में कटौती का। 1947 के बाद पहली बार होगा जब पाकिस्तान के रक्षा बजट में कटौती की जायेगी।
सूत्रों के मुताबिक आर्मी के बजट में कम से कम 25 फीसदी की कटौती की जायेगी। पिछली बार नवाज शरीफ सरकार के दौरान पाकिस्तान के रक्षा बजट में 20 फीसदी तक की बढोत्तरी की गयी थी। हालांकि नवाज शरीफ इतनी बढोत्तरी के खिलाफ थे, लेकिन आर्मी के दबाव के चलते नवाज शऱीफ को झुकना पड़ा था। जिसके बाद रक्षा बजट बढकर 11 बिलियन डॉलर हो गया था। लेकिन इस बार आईएमएफ की शर्तों के आधार पर और कर्ज लेने के लिए पाकिस्तानी आर्मी के सामने और कोई चारा नहीं था।
11 जून को पाकिस्तान में जुलाई से शुरू हो रहे फायनेंशियल ईयर के लिए बजट की घोषणा की जानी है। इससे पहले ही पाकिस्तान ने आर्मी के बजट में कटौती को पीएम इमरान खान और आर्मी ने अच्छे कदम के तौर पर मार्केटिंग करनी शुरू कर दी है।
आपको बता दें कि भारत का रक्षा बजट करीब 45 बिलियन डॉलर से ज्यादा है।