जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं में तेजी से कमी आई है. गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से यह पुष्टि हुई है. गृह मंत्रालय ने रविवार को बताया कि 2016 में पत्थरबाजी की 2600 से अधिक घटनाएं हुईं थीं. जबकि 2019 की पहली छमाही में ऐसी कुछ दर्जन घटनाएं ही हुई हैं. पत्थरबाजी की घटनाओं में लिप्त रहे असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी की घटनाएं भी 10,500 से घट करीब 100 ही रह गईं.
मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2016 में पत्थरबाजी की 2653 घटनाओं में पुलिस ने 10571 लोगों को गिरफ्तार किया था. इन लोगों में से महज 276 जेल भेजे गए और बाकी को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया. साल 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में अशांति का लंबा दौर चला था.
साल 2017 में पत्थरबाजी की 1412 घटनाएं हुईं. इनमें गड़बड़ी फैलाने वाले 2838 लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनमें से 63 जेल भेजे गए. 2018 में पत्थरबाजी की 1458 घटनाएं हुईं, इनमें 3797 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 65 जेल भेजे गए. इस साल के पहले छह महीने में पत्थरबाजी की करीब 40 घटनाएं हुईं, जिसमें करीब 100 लोग हिरासत में लिए गए. प्रदेश में 19 जून 2018 को राज्यपाल शासन लागू होने के पश्चात घाटी में सुरक्षा की स्थिति सुधरी है. कहें तो अलगाववादियों पर नकेल कसे जाने का भी परिणाम है.