Category: जन्म दिवस

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अनिवार्य शिक्षा के पक्षधर: लोकमान्य तिलक

प्रो. के.बी. शर्मा “स्वराज और स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।” इस महामंत्र की घोषणा करने वाले जन-जन के मानस में मान्य लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई, 1856 ई. को महाराष्ट्र के...

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पौरुष और स्वाभिमान को जागृत-झंकृत करने वाली वीरांगना लक्ष्मी बाई

 प्रणय कुमार ज़रा कल्पना कीजिए, दोनों हाथों में तलवार, पीठ पर बच्चा, मुँह में घोड़े की लगाम; हजारों सैनिकों की सशस्त्र-सन्नद्ध पंक्तियों को चीरती हुई एक वीरांगना अंग्रेजों के चार-चार जनरलों के छक्के छुड़ा...

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हमारा इतिहास पराजय का नहीं, संघर्षों का है

प्रणय कुमार जिनका नाम लेते ही नस-नस में बिजलियाँ-सी कौंध जाती हो; धमनियों में उत्साह, शौर्य और पराक्रम का रक्त प्रवाहित होने लगता हो; मस्तक गर्व और स्वाभिमान से ऊँचा हो उठता हो- ऐसे...

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कोरोना काल के सशक्त सारथी : योद्धा संन्यासी योगी आदित्यनाथ

प्रणय कुमार   तमाम विकसित देशों की मिली-जुली संख्या से भी अधिक जनसंख्या वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के नाते योद्धा संन्यासी योगी जी ने जिस कुशलता, तत्परता एवं निष्ठा से कोविड का मुकाबला...

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श्री तेगबहादुर जी का आत्म बलिदान

भारतीय इतिहास में नवम गुरु श्री तेगबहादुर जी का व्यक्तित्व और कर्तृत्व एक उज्ज्वल नक्षत्र की तरह दैदीप्यमान है। उनका जन्म बैशाख कृष्ण पंचमी को पिता गुरु हरगोबिन्द जी तथा माता नानकी जी के...

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महारानी अहिल्याबाई होलकर

भारत के इतिहास में महारानी अहिल्याबाई होल्कर को एक वीर योद्धा ,प्रजा हितैषी ,धर्मपरायण आदर्श शासिका के रूप में जाना जाता है। महारानी अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर...

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सदियों तक प्रेरणा देते रहेंगे वीर सावरकर

– कुमार नारद यह सचमुच विचारणीय है कि हम अपनी नई पीढ़ी को किन लोगों के जीवन चरित्र से वंचित कर रहे हैं। जिस वीर सावरकर से स्वतंत्रता के आंदोलन में युवा प्रेरणा लेते...

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28 मई/ वीर सावरकर जयंती

सावरकरः युवा पीढ़ी का नायक वीर सावरकर विभाजन के धुर विरोधी और अखंड भारत के प्रबल समर्थक थे| फूट डालो और राज करो की नीति पर चलते हुए तत्कालीन वायसराय ने जब भारत-विभाजन का...