मुंबई (विसंकें). पश्चिमी उपनगर के वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे के समीप कांदिवली के दामू नगर में लगी आग और वहां हुए विस्फोट को सुनकर लोखंडवाला फाउंडेशन विद्यालय में बैठी मंडली आवाज की ओर दौड़ पड़े थे. दामूनगर की चाल से निकलने वाले धुएं को देखकर उसी परिसर के एक निजी अस्पताल के संचालक व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के शशिभूषण शर्मा अपने कुछ साथियों के साथ मदद के लिए दौड़ पड़े. इस आग ने सैकड़ों लोगों के सपनों को चकनाचूर कर दिया.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक पिछले 6 दिन से लगातार अग्निकांड प्रभावित लोगों की सेवा में समर्पित हैं. संघ के 250 स्वयंसेवक निरंतर सेवा कार्य में लगे हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक जनकल्याण समिति ने लोगों की सेवा करने का काम अपने हाथों में लिया है और लोग कतारबद्ध होकर लाभ ले रहे हैं. अब तक पीड़ितों की मदद में संघ द्वारा 35 लाख रुपए खर्च किए जा चुके हैं. संघ के गोरेगांव विभाग के कार्यवाह विलास भागवत का कहना है कि नष्ट हो चुके संसार को बसाना आसान काम नहीं है, पर लोगों की मदद करके उनके संसार को बसाने का कार्य किया जा रहा है.
घटना वाले दिन दामू नगर में जहां आग का चारों ओर विकराल रूप दिखाई दे रहा था, सूचना मिलते ही लोग भी मदद के लिए दौड़ पड़े थे. अस्पताल के संचालक व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के शशिभूषण शर्मा अपने कुछ साथियों के साथ
आग बुझाने में लग गए थे, उनके ही कुछ साथी मां-बाप से दूर हो चुके बच्चों को उन तक पहुंचाने का कार्य कर रहे थे. शर्मा अपने साथियों के साथ पीड़ित लोगों की सहायता करते हुए पास के लोखंडवाला मैदान में ले गए और वहां पर मंडप तैयार करवाकर वहीं आशियाना बना दिया. शर्मा के साथ संघ के स्थानीय कार्यकर्ता लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए हुए थे. इस आग ने जहां 2 हजार घरों को जलाकर खाक कर दिया, वहीं 8 हजार लोग रास्ते पर आ गए. लोखंडवाला मैदान में डेढ़ हजार लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है. सरकारी अधिकारियों द्वारा किए जा रहे सर्वे के चलते लोग अपने-अपने जले हुए घरों की राख पर बैठने के लिए विवश थे, उनकी भूख गायब थी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने खाद्यान्न उपलब्ध करवाया. बस्ती के मध्यभाग में खाना बनाने का काम शुरू है और संघ के सेवकों द्वारा आग पीड़ितों को खाना उपलब्ध करवाया जा रहा है. संघ के कार्य को देखते हुए आस-पास के लोग भी खुले हृदय से मदद कर रहे हैं.