अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिन्दू परिषद् अपने जनजागरण अभियान को तेज करेगा. सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई जनवरी तक टलने के पश्चात् विश्व हिन्दू परिषद् ने स्पष्ट कहा कि अब अनंतकाल तक के लिए और प्रतीक्षा नहीं की सकती. प्रेस वार्ता में विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार जी ने मांग की कि केंद्र सरकार आने वाले शीत सत्र में भव्य मंदिर निर्माण के लिए संसद में कानून पारित करवाए. आलोक कुमार जी ने कहा “हमने देखा है कि सर्वोच्च न्यायालय रात को भी खुलता है, और देर रात तक भी बैठता है लेकिन हमें दुःख है कि जनभावना से जुड़े विषय की ओऱ ध्यान नहीं दिया गया. अब निर्णय के लिए अनंतकाल तक इंतजार नहीं कर सकते और इस मामले में देरी से हिन्दू समाज आहत है. 68 वर्ष में मामले में निर्णय नहीं हो पाया है. अब केंद्र सरकार संसद के शीत सत्र में भव्य मंदिर निर्माण के लिए कानून पारित करवाए या अध्यादेश लाए, ये सरकार को तय करना है लेकिन वर्ष 2018 के सूर्यास्त से पूर्व भव्य मंदिर निर्माण की समस्त बाधाएं दूर होनी चाहिएं.“
आलोक कुमार जी ने कहा कि 15 नवंबर से जनजागरण का अभियान तेज होगा, प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में जनसभाएं आयोजित की जाएंगी तथा क्षेत्र के प्रतिनिधि (हर पार्टी के सांसद से मिलकर) को जनभावनाओं से अवगत करवाया जाएगा तथा उनसे भव्य मंदिर निर्माण के लिए समर्थन मांगा जाएगा. आलोक कुमार जी ने स्पष्ट किया कि 2019 के लोकसभा चुनावों से इसका कोई संबंध नहीं है और विश्व हिंदू परिषद शीत सत्र में कानून पारित करवाने की बात कह रही है.
आलोक कुमार जी ने कहा कि यदि केंद्र सरकार शीत सत्र में कानून नहीं लाती है तो कुंभ के दौरान 31 जनवरी – 01 फरवरी को धर्म संसद में संतों के समक्ष विषय को रखा जाएगा और धर्म संसद जो निर्णय लेगी, उस मार्ग पर आगे बढ़ा जाएगा.
अन्य पार्टियों के विरोध या समर्थन के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक पार्टी के नेता मंदिर जा रहे हैं, अभी मानसरोवर की यात्रा करके आए हैं, रैली के होर्डिंग में राम भक्त लिखा जा रहा है, दूसरी पार्टी की नेता पूजा पंडालों के लिए आर्थिक राशि जारी कर रहे हैं, संसद में बिल पेश होने पर निर्णय उन्हें (दल को) लेना है, लेकिन किसी भी पार्टी के लिए बिल का विरोध करना आत्मघाती होगा.
केंद्र सरकार द्वारा संसद में बिल लाने या न लाने के सवाल पर आलोक जी ने कहा कि केंद्र में राम भक्तों के दल की सरकार है, इसी दल ने 1989 में पालमपुर में संकल्प पारित किया, उनके अध्यक्ष ने सोमनाथ से अयोध्या तक रथयात्रा निकाली, वे इस अभियान में हमारे साथ रहे हैं, इसलिए हमें आशा है कि आने वाले शीत सत्र में सरकार मंदिर निर्माण को लेकर कानून पारित करेगी और रामभक्तों से आशा है कि मंदिर निर्माण की बाधाएं जल्द दूर कराएं. सरकार कानून के बारे में संपूर्ण विचार करे, जिससे यदि बाद में कोई कानून को न्यायालय में चुनौती भी देता है तो सरकार तैयारी के साथ पक्ष रख सके. आलोक जी ने कहा कि उनकी न्यायिक जानकारी के अनुसार कानून लाने में कोई तकनीकी अड़चन नहीं है.