स्वदेशी जागरण मंच के इंटेलेक्चुअल मीट में जुटे शहर के प्रबुद्ध जन
जयपुर। भारत विश्व की प्रमुख पांचवी आर्थिक महाशक्ति बन गया है। पांच वर्ष पहले भारत ग्यारहवें स्थान पर था और इन 5 वर्षों में आर्थिक क्षेत्र में जबरदस्त प्रदर्शन के साथ भारत ने अपनी स्थिति सुधारी है। आने वाले कुछ वर्षों में भारत विश्व की सबसे बड़ी तथा सबसे तेज गति से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में पूरे विश्व के सामने आने वाला है। ये विचार प्रसिद्ध आर्थिक चिंतक सतीश कुमार ने सहकार मार्ग स्थित सेवा सदन में आयोजित इंटेलेक्चुअल मीट में व्यक्त किए। सेवा सदन में स्वदेशी जागरण मंच की ओर से आयोजित “वर्तमान परिस्थितियों में नया भारत” विषय के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सतीश कुमार ने कहा कि अर्थव्यवस्था में गति के लिए अनेक कारक जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र सुरक्षित हुए बिना आर्थिक प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में पूरा विश्व भारत को विशेष सम्मान की दृष्टि से देखने लगा है। पूरे विश्व में भारत तथा सनातन संस्कृति के प्रति आदर का भाव बढ़ा है। राज्य को कल्याणकारी उस की योजनाएं बनाती हैं और इस प्रकार की योजनाएं केंद्र सरकार ने लागू भी की हैं।स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान भारत पूरे विश्व में सबसे बड़ी योजना है। इसी प्रकार मुद्रा योजना तथा उज्ज्वला योजना भी भारत के आम नागरिकों के लिए बहुत लाभदायी योजनाएं हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सिख संगत के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरुचरण सिंह गिल ने कहा कि वर्तमान समय राजनीतिक विचारधाराओं को समझने और समझकर श्रेष्ठ विचारधारा को समर्थन देने का समय है।
PG कामर्स कॉलेज के निदेशक राजीव सक्सेना ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में देश में जबकि लोकसभा चुनाव चल रहा है हमारा मत तय करेगा कि देश की भावी दिशा और दशा कैसी होगी। देश को विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ाने के लिए ऐसी विचारधारा का ही समर्थन करना चाहिए जो राष्ट्र की सुरक्षा के साथ कोई समझौता न करे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अपना संस्थान के प्रांत संयोजक अशोक शर्मा ने कहा कि सनातन परंपरा हमें पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है। पर्यावरण संरक्षण हमारी दिनचर्या में सम्मिलित होना चाहिए।
कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच के पदाधिकारियों में प्रांत सह संयोजक सुदेश सैनी ,महानगर संयोजक अवदेश शर्मा, महानगर सम्पर्क प्रमुख कुमार आयुष व महानगर कार्यकारिणी के साथ साथ भारी संख्या में बुद्धिजीवी उपस्थित रहे।