पत्रकारिता का केवल बौद्धिक कार्य ही नहीं है बल्कि ये राष्ट्रहित का कार्य है
जयपुर (विसंकें)। भारत ऋषियों का देश है। संस्कृति देश का विकास ही नहीं करती बल्कि ये मानव का आधारभूत तत्व है। ये इंसान को महान बनाती है। पत्रकार इस ऋषि परम्परा का प्रतिनिधि है। राष्ट्र के नागरिकों में राष्ट्रीयता और ऋषि परम्परा के बोध को जगाने की जिम्मेदारी पत्रकारों की है। ये विचार सेक्टर-62 स्थित प्रेरणा जन संचार एवं शोध संस्थान व प्रेरणा शोध न्यास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दस दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन के दिन ‘राष्ट्रवाद और मीडिया’ विषय पर राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष बल्देब भाई शर्मा ने व्यक्त किए।
श्री बल्देब भाई शर्मा ने कहा कि मीडिया सही तरीके से सामाजिक जिम्मेदारी निभाए। नैतिकता बिना पत्रकारिता अधूरी है। पत्रकार समाज के दीन-दुखियों का सहारा होता है, इसलिए वह ग्लैमरस न होकर राष्ट्रहित में कार्य करें। उन्होंने कहा कि पत्रकार लोकत्रंत के पहरूए हैं और वे व्यक्तिगत हित साधने के लिए कार्य न करें। उनके मन में परिपक्वता आनी चाहिए। समाज उन्हें जिम्मेदार नागरिक के तौर पर मानता है। भाषा की सही जानकारी न होना सारे किए कराए पर पानी फेर देती है, इसलिए मीडिया कर्मी को भाषा की समझ होनी चाहिए। विदेशी पूंजी से चलने वाला मीडिया कभी देश का भला नहीं कर सकता। उन्होंने आगे बताया कि पत्रकार समाज और देश का प्रहरी होता है। छोटी-छोटी बातें ही उसे महान बनाती हैं। आज के समय में पत्रकारों की गुणवत्ता में निखार लाना जरूरी है। श्री बल्देब भाई शर्मा ने कहा कि पत्रकारिता केवल बौद्धिक कार्य नहीं है बल्कि यह राष्ट्रहित का कार्य है।
कार्यशाला के द्वितीय सत्र में आकाशवाणी में ‘मन की बात’ प्रभाग के प्रमुख डा. नीलेश पाण्डेय ने प्रतिभागियों को सोशल मीडिया की बारीकियां बताईं। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर आपको त्वरित प्रतिक्रिया मिलती है। साथ ही, पाण्डेय जी ने ब्लाग, फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम के उपयोग और दुरुपयोग की विस्तार से जानकारी दी। सोशल मीडिया का प्रयोग इसलिए भी उपयोगी है कि उससे तत्काल काम हो जाता है। तकनीक के इस जमाने में हर कोई इससे रूबरू होना चाहता है। वहीं प्रतिभागियों को समाचार वाचन का अभ्यास राम सेवक, कम्प्यूटर का अभ्यास बीरेंद्र पोखरियाल और पत्र लेखन का अभ्याय अजय मित्तल जी ने कराया।
कार्यशाला के तृतीय सत्र में ‘डिजिटल मीडिया’ पर अपने उद्बोदन में विषय वक्ता वरिष्ठ पत्रकार व मनी भास्कर डाट काम के उप समाचार संपादक विनय मिश्र ने प्रतिभागियों को डिजिटल मीडिया के बारे में बताया कि एक नाम के दो व्यक्ति तो हो सकते हैं, लेकिन वेबसाइट एक से अधिक नहीं हो सकती हैं। श्री मिश्रा जी ने बताया कि ये सूचनाओं को बहुत तेजी से आगे बढ़ाने का कार्य करती है। डिजिटल मीडिया लिए सबसे जरूरी बात है विश्वसनीयता। इसके बिना आप सफलता अर्जित नहीं कर सकते हैं। यदि हमें किसी जानकारी को इन्टरनेट के माध्यम से पाना है या इन्टरनेट पर कुछ प्रकाशित करना है तो हमें वेबसाइट खोजनी या खोलनी पड़ती है। ये वेबसाइट हमारे सामने तब तक नहीं आ सकती जब तक हम इन्टरनेट से जुड़े हुए न हों। वहीं अंतिम सत्र में वरिष्ठ पत्रकार श्याम लाल यादव ‘मीडिया और कानून’ विषय पर अपने संबोधन में प्रतिभागियों को विस्तार से बताया। कार्यशाला की सम्पूर्ण गतिविधिओं का संचालन डा. प्रदीप कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय ने किया।