जयपुर 17, मार्च (वि सं कें). पंचम नदी महोत्सव के उद्घाटन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस पंचम नदी-महोत्सव के केंद्र बिंदु का विषय सहायक नदियाँ हैं. गाँव-गाँव में फैली जलधाराओं की एक दुनिया है और उसे समझने की आवश्यकता है. पश्चिमी और भारतीय चिंतन में अंतर समझाते हुए सुरेश सोनी जी ने कहा कि हमे अपने मौलिक चिंतन को समझकर उसमे परिवर्तन करना होगा. पिछले 150 सालों में विज्ञान ने बहुत सी तकनीक और मशीने बनाई हैं किन्तु उनमे से कुछ तकनीकों से समस्याएं भी उत्पन्न हो रही हैं. भारतीय चिंतन को समझे जिसमे यह बतलाया गया है कि पृथ्वी एकात्म है और मानव जीवन पंचतत्व के साथ जुडा हुआ है. उन्होंने कई उदाहरण देते हुए कहा कि हज़ारों भाषणों से ज्यादा एक जीता-जागता उदाहरण प्रेरणा देता है l स्व. अनिल माधव दवे ने भी कई ऐसे कार्य किये जिनसे हम सभी को प्रेरणा मिलती है. हमें समग्र संतुलन को आगे बढाते हुए इसी दिशा में कार्य करना होगा. कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की .
कार्यक्रम में स्व. अनिल माधव दवे जी की किताब “नर्मदा परिक्रमा मार्ग” का विमोचन भी उपस्थित अथितियों द्वारा किया गया .