जयपुर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार जी ने कहा कि गणतंत्र दिवस का संदेश, हमारा कर्तव्य, त्याग, संघर्ष, इतिहास की याद कराने वाला है. प्रत्येक वर्ष संघ के 80 वर्ग लगते हैं. इन वर्गों में लगभग 25000 शिक्षार्थी भाग लेते हैं. इसके अतिरिक्त संघ के 1000 प्राथमिक शिक्षा वर्ग प्रतिवर्ष लगते हैं. जिनमें एक लाख के लगभग स्वयंसेवक प्रशिक्षण लेते हैं. शिक्षण लेने के पश्चात् स्वयंसेवक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सेवा कार्य करते हैं. संघ का विचार – 1. भारत एक राष्ट्र है, 2. प्राचीन राष्ट्र है और 3. हिन्दू राष्ट्र है. मेगास्थनीज, अलबरूनी व अंग्रेजों ने भी विविधता होते हुए भी एक जीवन दर्शन का चिंतन रहा, ऐसा कहा है. कोई भी महापुरूष कहीं भी जन्मा हो, उनको संपूर्ण देश का मानते हैं. श्री गुरूगोविंद सिंह जी के समय पंज प्यारे देश के विभिन्न भागों से चुने गए, किसी एक स्थान के नहीं थे. जगदगुरू शंकाराचार्य ने पूरे राष्ट्र को उत्तर से दक्षिण व पूर्व से पश्चिम में चार मठों की स्थापना कर राष्ट्र के रूप में पिरोया.
उन्होंने कहा कि भारत को राष्ट्र न मानने वाले लोग भी यहां हैं. भारतीय संस्कृति एक विशेष संस्कृति है. मजहब के आधार पर राष्ट्र नहीं बनते. भारत का अतीत गौरवशाली रहा है. शिक्षा में भी अपना देश अग्रणी रहा है. समाज व देश के लिए देशभक्ति, संगठन, अनुशासन व स्वाभिमान के आधार पर परिवर्तन आएगा. किसी राष्ट्र का भविष्य उसके समाज पर निर्भर करता है. संघ कोई बड़ा संगठन खड़ा नहीं करना चाहता, वह तो देश को संगठित करना चाहता है. उन्होंने डॉ. भीमराव आम्बेडकर के समरसता व बन्धुता के बारे में संविधान में लिखने के विषय में भी बताया. अरुण जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिमाचल प्रदेश के संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष (सामान्य) के समारोप कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिमाचल प्रदेश का बीस दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष (सामान्य) नालागढ के अवस्थी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट में 06 जनवरी से प्रारम्भ होकर 26 जनवरी को समाप्त हुआ. वर्ग में आईपीएस अधिकारी आईजी प्रदीप सरपाल (सेवानिवृत्त) वर्गाधिकारी, बद्दी व परवाणु उद्योग संघ के अध्यक्ष सुबोध गुप्ता कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में उपस्थित रहे. वर्ग कार्यवाह डॉ. शिवदयाल ने परिचय कराया. बीस दिवसीय वर्ग में हिमाचल, पंजाब, दिल्ली, जम्मू कश्मीर व हरियाणा से 361 शिक्षार्थी, 70 प्रबन्धक व 49 शिक्षकों सहित 480 स्वयंसेवकों ने भाग लिया. स्वयंसेवकों ने विभिन्न शारीरिक (सूर्यनमस्कार, योगासन, खेल, निःयुद्ध, दंड) कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया. वर्ग में निरंकारी मिशन, मानव रूहानी मिशन, मीडिया के बन्धु एवं अन्य संस्थाओं का सहयोग रहा.
कार्यक्रम के अध्यक्ष सुबोध गुप्ता ने कहा कि मैं गर्व का अनुभव कर रहा हूं कि विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संस्था के कार्यक्रम में उपस्थित हुआ हूं. कार्यक्रम में उत्तर क्षेत्र प्रचारक प्रमुख रामेश्वर दास, प्रांत कार्यवाह किस्मत कुमार, प्रांत प्रचारक संजीवन कुमार, प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे.