कुंभ भारत की आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र – साध्वी प्रीति प्रियंवदा

jaipur-yuva-2-300x200जयपुर में महावीर पब्लिक स्कूल के सभागार में युवा कार्यशाला का आयोजन हुआ. जिसमें राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से कला, शिक्षा, खेल आदि विधाओं में नेतृत्व कर रहे 700 युवा सम्मिलित हुए. चयनित युवा नेतृत्व को 23 दिसंबर 2018 में लखनऊ में होने वाले युवा विचार महाकुंभ में जाने का अवसर मिलेगा. कार्यक्रम में साध्वी प्रीति प्रियंवदा जी ने भारत देश में कुंभ के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को समझाते हुए कहा कि कुंभ भारत की आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र है. मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने अगले वर्ष प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ की जानकारी दी. कार्यक्रम में युवतरंग नाट्य मंडल ने पन्ना धाय के बलिदान पर एक भावपूर्ण नाटिका प्रस्तुत की.

कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजस्थान के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम जी ने भारत के सांस्कृतिक जीवन में कुंभ की उपयोगिता बताई. उन्होंने कहा कि अनादि काल से चले आ रहे कुम्भ के माध्यम से देश के विद्वान ऋषि संत अपना विचार संपूर्ण देश में साझा करते हैं. यह भारत की सांस्कृतिक एकता का मजबूत माध्यम रहा है. कुंभ मात्र मेला नहीं है, अपितु यह समाज जीवन की दिशा तय करने वाला समागम है. प्रारंभ में कुंभ में देशभर के विद्वान एकत्र आते थे और समाज के वर्तमान और भविष्य की दिशा पर विचार करते थे. वहाँ तय बातों को लेकर समाज के बीच जाते थे. कालांतर में कुंभ की परंपरा बदल गई. अब पुन: कुंभ को वैचारिक कुंभ बनाने के प्रयास प्रारंभ हुए हैं, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए. चिंतन-मंथन की प्रक्रिया में देश का युवा शामिल होगा, तो निश्चित ही उसका बहुत लाभ होगा. युवा विचार कुंभ की परिकल्पना सुंदर है और समाज में एक सकारात्मक बदलाव की वाहक बनेगी. कार्यक्रम की प्रस्तावना सह संयोजक लालाराम जी ने प्रस्तुत की. उन्होंने कुंभ के महत्व एवं उसके आयोजन पर प्रकाश डाला.

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twelve + four =