—अलवर में दूसरा सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन सम्पन्न
—चार जाति से छह जोडें बंधे विवाह सूत्र में
विसंके जयपुर
जयपुर, 15 अप्रेल। सामाजिक समरसता के पुरोधा डॉ.भीमराव अंबेडकर के 125वें जन्म दिवस के ठीक एक दिन बाद छह जोडों ने सामाजिक समरसता की मिशाल पेश की। उन्होंने सामाजिक समरसता के उपदेश को व्यवहार में उतारा। चार जाति—बिरादरी के इन छह जोडों ने सामूहिक रूप से अग्नि के सम्मुख सात फेरे लिये। अवसर था सेवा भारती की श्रीराम—जानकी विवाह समिति, अलवर की ओर से शुक्रवार को अलवर की आदर्श विद्या मंदिर में हुये ‘दूसरे सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन’ का। सभी जाति—बिरादरी प्रमुखों सहित सैकडों समाज बधु इसके साक्षी बने।
सुबह दस बजे स्थानीय मालवीय नगर चौराहे से बारात रवाना हुई। आगे—आगे बैण्ड—बाधक सुर—लहरियां बिखेरते हुये आगे बढ. रहे थे। अनेक स्थानों पर आम लोगों की ओर से बारातियों का भव्य स्वागत किया गया। बारात विभिन्न मार्गों से होती हुई विवाह स्थल पर पहुंची जहां तोरण व वरमाला का कार्यक्रम हुआ। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संतों के साथ सेवा भारती के प्रदेश संगठनमंत्री श्री मूलचंद जी सोनी का मार्गदर्शन मिला। इसके बाद छह जोडों ने विधि—विधान के साथ सात फेरे खाकर जीवन भर साथ जीने—मरने की सौगंद खाई।