स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल जी ने कहा कि महान विचारकों से ही देश को दिशा मिलती है और राष्ट्र एक सूत्र में बंध जाता है. दत्तोपंत ठेंगड़ी जी आधुनिक ऋषि समान थे. राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सभी घटनाओं पर उनकी पैनी नजर थी. इन घटनाओं का भारत के भविष्य पर पड़ने वाले प्रभाव से भिज्ञ थे. इसी का परिणाम है कि उन्होंने स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जैसे संगठनों की स्थापना की.
कश्मीरी लाल जी जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन सभागार भवन में दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जन्मदिवस पर आयोजित व्याख्यानमाला में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वर्ष 1991 के आर्थिक सुधारों व उदारीकरण के दुष्परिणाम से पहले ही सशंकित थे. भारतीय हितों की रक्षा व लघु-कुटीर उद्योगों, दुकानदारों को बचाने के लिए ही उन्होंने स्वदेशी जागरण मंच जैसे विचारक संघठन का निर्माण किया. उनके चिंतन व विचारों को समझने व आत्मसात करने की आवश्यकता है.
प्रान्त संघचालक ललित शर्मा जी ने दत्तोपंत ठेंगड़ी जी को युग पवर्तक की संज्ञा दी. उनकी दृष्टि चाणक्य की तरह थी और सभी तत्वों को वे सकारात्मक रूप से लेते थे.
व्याख्यानमाला का संचालन अनिल कुमार जी ने किया. जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक बाहेती जी, पूर्व अध्यक्ष आशाराम धूत जी सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित थे.