राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नागौर के संपर्क विभाग द्वारा बुधवार को लेखक व चिन्तक रमेश पतंगे जी द्वारा लिखित पुस्तक “हम और हमारा संविधान” का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया.
मराठी में समरसता, संघर्ष महामानवाचा, बहुस्पर्शी विवेकानंद, महामानव अब्राहम लिंकन इत्यादि अनेक पुस्तकों के लेखक तथा समरसता मंच, भटके विमुक्त विकास परिषद, समरसता साहित्य परिषद की संस्थापना करने वाले तथा अनेक पुरस्कारों से अलंकृत व सम्प्रति हिंदुस्तान प्रकाशन संस्था के अध्यक्ष व फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य के नाते कार्यरत हैं.
कार्यक्रम में रमेश पतंगे जी ने कहा कि वेदकाल से हमारा राष्ट्र प्राचीनतम है तथा उस समय संविधान राजधर्म कहलाता था. संविधान का उद्देश्य भारतीय राज्य को खड़ा करना रहा है. भारत में लगभग 4000 जातियां, अनेक भाषाएं व उपासना पद्धतियां हैं. अतः राष्ट्र कार्य करते समय राजनीति से परे भी देखना पड़ता है. संविधान की विशेषताओं पर कहा कि संविधान का लक्ष्य जन की भावनाओं को समाजोन्मुखी व समाज को राष्ट्रोन्मुखी बनाकर सशक्त भारत का निर्माण करना है. संविधान प्रदत्त मूलभूत अधिकारों का वर्णन कर भारत के संविधान के मूल को सरल और सरस शैली में समझाया. समाजों में बंधुता के भावों का निर्माण होना संविधान के मूल भावों को परिलक्षित करता है.
कार्यक्रम के अध्यक्ष अधिवक्ता ठाकुर प्रसाद राठी ने कहा कि यह पुस्तक हमें राष्ट्र व उसके संविधान के प्रति दायित्व बोध का जागरण कराती है. इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जोधपुर प्रान्त संघचालक ललित शर्मा जी सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे.