आईएनएस विराट और युद्धपोतों का इस्तेमाल तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपने परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ लक्षद्वीप के एक निर्जन टापू पर छुट्टी मनाने के लिए किया. इंडिया टुडे ने इस हाई प्रोफाइल पिकनिक का खुलासा 1988 में ही कर दिया था. आज कांग्रेस के पक्ष में खड़े होने वाले इस बात का जवाब क्यों नहीं देते कि उस समय सरकार और नौसेना ने इसका खंडन क्यों नहीं किया.
तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की परिवार, रिश्तेदार और दोस्तों के साथ विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विराट से पिकनिक के मसले ने देश के सामने कई महत्वपूर्ण सवालों को लाकर खड़ा कर दिया है. पहला, तो वही जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा-क्या देश के संसाधन, सेना किसी परिवार की जागीर की तरह इस्तेमाल की जाती थी. दूसरा, ताबेदारों का एक तबका, जो कांग्रेस राज में पुरस्कृत होता रहा और अब इन संवेदनशील मसलों पर पूरी बेशर्मी के साथ बचाव में उतर आता है. इन सवालों के बीच एक चीज निर्विवाद रूप से स्थापित है कि आईएनएस विराट और युद्धपोतों का इस्तेमाल तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपने परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ लक्षद्वीप के एक निर्जन टापू पर छुट्टी मनाने के लिए किया. जिसने जुबान खोलने की कोशिश की, उसे खामोश कर दिया गया. इंडिया टुडे ने इस हाई प्रोफाइल पिकनिक का खुलासा 1988 में ही कर दिया था. आज कांग्रेस के पक्ष में खड़े होने वाले इस बात का जवाब क्यों नहीं देते कि उस समय सरकार और नौसेना ने इसका खंडन क्यों नहीं किया.
कैसे बना ये मुद्दा
दिल्ली के रामलीला मैदान में 8 मई की रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजीव गांधी और उनके परिवार ने भारतीय नौसेना के तत्कालीन इकलौते विमानवाहक पोत आईएनएस विराट का इस्तेमाल निजी छुट्टियां मनाने के लिए किया. उन्होंने कहा था-निजी टैक्सी के रूप में इस्तेमाल करके राजीव गांधी ने आईएनएस विराट का अपमान किया. लक्षद्वीप के बंगराम टापू पर दस दिन की छुट्टियां मनाने के लिए आईएनएस विराट का इस्तेमाल किया गया. इस पिकनिक में राजीव गांधी के इटली से आए ससुराल पक्ष के रिश्तेदार और दोस्त शामिल थे. आईएनएस विराट भारतीय नौसेना की रीढ़ था. इकलौता विमानवाहक पोत. लेकिन यह दस दिन तक उस द्वीप के पास डेरा डाले रहा, जहां राजीव गांधी सपरिवार छुट्टियां मना रहे थे. जनवरी 1988 की इस पिकनिक में आईएनएस विराट के साथ कई युद्धपोत और पनडुब्बी भी छुट्टी मना रहे विशिष्ट लोगों की सेवा में तैनात थीं. अब जबकि बार-बार ये बात सामने आ रही है कि कांग्रेस ने हमेशा देश की सुरक्षा से समझौता किया, ये खुलासा बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है.
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