जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 व 35ए हटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपना सरकारी बंगला भी खाली करना पड़ सकता है. सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करना पड़ेगा. अब तक आर्टिकल 370 की आड़ में दोनों नेता सरकारी बंगलों पर कब्जा जमाए हुए थे. कारण, 370 के कारण जम्मू कश्मीर में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश प्रभावी नहीं होते थे. लेकिन अब 370 निष्प्रभावी हो गया है तो उन्हें दूसरे राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्रियों की तरह ही सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार सरकारी बंगले खाली करने होंगे.
पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को छोड़कर सभी पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती श्रीनगर के पॉश इलाके गुपकार रोड के सरकारी बंगले में रहते हैं. महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ने अपने सरकारी बंगलों के रिनोवेशन पर करीब 50 करोड़ रुपये खर्च किया है.
उमर अब्दुल्ला गुपकार रोड पर बंगला नंबर 1 में रहते हैं, जिसमें तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं. 2009 से 2014 तक के उनके मुख्यमंत्री काल में सरकारी बंगले के रेनोवेशन पर 20 करोड़ से ज्यादा रूपये खर्च हुए थे.
उमर अब्दुल्ला के पिता फारूख अब्दुल्ला अपने बंगले में रहते हैं, लेकिन सरकारी खर्च से अपने बंगले की मद में रेंट और स्टाफ का सारा खर्च वसूल करते हैं.
महबूबा मुफ्ती उमर अब्दुल्ला के बंगले से थोड़ी ही दूर गुपकार रोड पर फेयरव्यू बंगले में 2005 से रहती हैं. उन्होंने भी सरकारी फंड से अपने सरकारी बंगले पर पैसा खर्च किया था.
महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और उमर अब्दुल्ला की पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री सुरक्षा कारणों के चलते सरकारी बंगले में रहते हैं. अमर अब्दुल्ला के पिता फारुख अब्दुल्ला के अपने दो प्राइवेट बंगले हैं, इसके बाद भी वो सरकारी सुविधा लेते हैं. सरकार से रहने, सुरक्षा, टेलिफोन जैसी सभी सरकारी सुविधाएं लेते हैं.
बंगलों के अलावा बुलेट प्रूफ गाड़ी, भारी-भरकम स्टाफ और दूसरी पोस्ट रिटायरमेंट भत्ते आदि की सुविधाएं भी लेते हैं. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के मई 2018 के आदेश का पालन करना होगा, जिसके चलते उनकी समस्त सुविधाएं छिन जाएंगीं.