विसंके जयपुर। कार्यकर्ताओ के निर्माण की प्रक्रिया संघ में निरंतर चलती रहती है, संघ शिक्षा वर्ग इसी निर्माण की एक कडी है। चरित्रवान, राष्ट्रभक्त, अनुशासित कार्यकर्ता निर्माण हो यह संघ शिक्षा वर्ग का विशेष उद्देश्य होता है। संघ की अपेक्षा है कि इस प्रकार के गुण राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक में हो। यह कहना था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य श्री सुहासराव जी हिरेमठ वह आदर्श विद्या मंदिर, भरतपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय वर्ष के संघ शिक्षा वर्ग के समापन के अवसर पर शिक्षार्थीयों को सम्बोधित कर रहे थे।
सुहासराव ने कहा की आज विश्व में बडे विरोधाभासी चित्र देखने को मिल रहे हैं जिसमें एक तरफ भोगवाद है तो दूसरी तरफ आतंकवाद है। भारतवर्ष ही ऐसा देश है जो विश्व को भोगवाद व आतंकवाद से मुक्त करने की क्षमता रखता है। श्री सुहासराव ने कहा कि किसी भी देश में जब राष्ट्रभक्ति एवं संगठन शक्ति प्रस्फुठित होती है तो वो निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढता रहता है। उन्होनें आव्हान किया कि यदि हमें विश्व गुरु के रुप में विश्व का मार्गदर्शन करना है तो हमें चरित्रवान, अनुशासित, राष्ट्रभक्त के साथ संगठित होना ही होगा।
कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो.दयाचन्द जी निमेष ने कहा कि आज हमारे देश में राष्ट्रद्रोहियों द्वारा निरंतर राष्ट्र को तोडने व अशांति फैलाने के प्रयास किये जा रहे हैं, इन कुप्रयासों को देश की सेना व पुलिस निष्फल करती रहती है, किन्तु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे संगठन नागरिकों में न केवल आत्मविश्वास का संचलन करते है अतिपु प्राकृतिक आपदाओं और राष्टीय सुरक्षा में भी अपनी महति भूमिका अदा करते है।
शिक्षार्थीयों द्वारा समता, दण्ड, योग, प्राणायाम, नियुद्ध आदि का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में अतिथियों का परिचय चितौड प्रान्त के प्रमुख श्री सत्यनारायण जी ने कराया एवं वर्ग प्रतिवेदन एवं आभार प्रदर्शन श्री महेन्द्रजी दवे ने किया।
आभार प्रचार विभाग
भरतपुर