राष्ट्रीय स्तर पर सबरीमाला आंदोलन को एक नई दिशा देते हुए, अखिल भारतीय सबरीमाला कर्मा समिति ने 21 जनवरी की शाम को कनॉट प्लेस में इंद्रप्रस्थ अयप्पा ज्योति ’का आयोजन किया। केरल में हजारों अयप्पा भक्तों ने एकजुटता व्यक्त करते हुए, कनॉट प्लेस इनर सर्कल में अयप्पा ज्योति जलाई। भक्तों ने अयप्पा मंत्र का जाप करते हुए, मंदिर की परंपराओं और रीति-रिवाजों के संरक्षण का आह्वान किया। प्रतिकूल मौसम की स्थिति के बावजूद, बड़ी संख्या मे महिला श्रद्धालुओं ने “सबरीमाला बचाओ” और अन्य नारे लिखीं हुई तख्तियां थामी हुई थी, जिनमें राज्य और जनता से हिंदू परंपराओं और रीति-रिवाजों को बचाने का आग्रह किया गया था।
कार्यक्रम के आयोजकों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस आयोजन में विभिन्न भाषाई पृष्ठभूमि से जुड़ी लगभग दस हजार महिला श्रद्धालुओं की भागीदारी देखी गई। “हर प्रतिबंध लिंग भेदभाव नहीं है। विविधता भारतीय संस्कृति और हमारी मंदिर परंपराओं की आत्मा और सुंदरता है।”
प्रजना प्रभा के राष्ट्रीय संयोजक जे. नंदकुमार भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने कहा, “सबरीमाला फैसले के दूरगामी प्रभाव हैं क्योंकि यह सबरीमाला मंदिर के बारे में नहीं है बल्कि देश भर में सभी स्थानीय मंदिर परंपराओं और रीति-रिवाजों के बारे में है। संवैधानिक नैतिकता के तर्क का उपयोग अद्वितीय हिंदू पूजा प्रणालियों को लक्षित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए जो गैर-संहिताबद्ध परंपराओं पर आधारित हैं।” अखिल भारतीय सबरीमाला कर्मा समिति ने नई दिल्ली में सिटिजन मीट टू सेव सबरीमाला ट्रेडिशन’ नामक एक संगोष्ठी और विचार मंथन सत्र का आयोजन किया।