राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक आज प्रातः तुंगभद्रा नदी के किनारे राघवेंद्र मठ, मंत्रालयम (आंध्र प्रदेश) में पूज्य स्वामी सुबूदेन्द्र तीर्थ जी के आशीर्वचन से आरंभ हुई. पूज्य स्वामीजी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि भारत दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सर्वश्रेष्ठ देश है और यह देश समस्त साधु संतों के अवतरण का पवित्र कार्यक्षेत्र है. भारत सभी देशों में जगद्गुरु के सर्वश्रेष्ठ स्थान पर है. यह देश पवित्र नदियों और पुण्य क्षेत्रों का आवास स्थान है. भारत में विभिन्न संस्कृतियों में एकता है. हम सब के प्रयत्नों से हिन्दू समाज का जागरण और हिन्दू धर्म की पुनर्प्रतिष्ठा शीघ्रातिशीघ्र हो.
यह बैठक 2 सितंबर तक चलेगी. इस बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य और समाज जीवन के विविध क्षेत्रों में कार्यरत संगठनों (सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक, शिक्षा, सेवा) के अखिल भारतीय पदाधिकारी भाग ले रहे हैं.
बैठक में वर्तमान सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक परिदृश्य, कृषि, पर्यावरण, जल संरक्षण सहित अन्य समसामायिक विषयों पर चर्चा होगी और बैठक में भाग ले रहे लगभग 200 कार्यकर्ता अपने अनुभव, विचार और उपलब्धि साझा करेंगे.
पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर देेते हुए अ.भा. प्रचार प्रमुख अरुण कुमार जी ने कहा कि यह निर्णय करने वाली बैठक नहीं है. प्रतिवर्ष दो बार सितंबर व जनवरी में यह बैठक होती है, और अपनी यह परंपरा पिछले अनेक वर्षों से चल रही है. हर संगठन अपने निर्णय अपनी रचना व पद्धति के अनुसार स्वयं करता है. जैसे संघ में निर्णय लेने के लिए वर्ष में दो बार अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा व अ. भा. कार्यकारी मंडल की बैठक होती है. उन्होंने कहा कि समाज जीवन के बहुत से क्षेत्रों में बहुत लोग काम करते हैं, वहां अनेक अग्रणी लोगों से मिलना भी होता है और वे अपने संगठन में प्रयोग भी करते हैं. अपने समस्त अनुभवों को साझा करने के लिए यह समन्वय बैठक रहती है. ऐसा ही इसका उद्देश्य रहता है. उन्होंने कहा कि हम किसी को विरोधी नहीं मानते, संघ सारे समाज को संगठित करने का काम करता है.