दिल्ली में “शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास” द्वारा आयोजित ज्ञानोत्सव-2076 के समापन सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मुख्य वक्ता थे. समापन सत्र में उपस्थितजनों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का भी उत्तर दिया. ऐसे ही आरक्षण के विषय पर पूछे गए प्रश्न का उत्तेर देते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रश्न का हल भी सद्भावना में ही है. आरक्षण के पक्ष के लोग आरक्षण के विपक्ष के लोगों का विचार करके जब कुछ बोलेंगे-करेंगे, आरक्षण के विपक्ष में जो हैं वो आरक्षण के पक्ष के लोगों का विचार करके कुछ करेंगे-बोलेंगे, तब इसका हल एक मिनट में निकल आएगा. बिना कानून के, बिना नियम के. वो सद्भावना जब तक संपूर्ण समाज में खड़ी नहीं होती, इस प्रश्न का हल कोई नहीं दे सकता. वो सद्भावना खड़ा करने का प्रयास करना पड़ेगा, वो संघ कर रहा है.
लेकिन अपनी आदत से मजबूर सेक्युलर, लिबरल, वामपंथी और कांग्रेस नेताओं, पत्रकारों ने संघ के खिलाफ दुष्प्रचार शुरू कर दिया. पूर्व की घटनाओं की भांति मोहन भागवत जी के कथन को अपनी सुविधा अनुसार तोड़ना शुरू कर दिया.
ये गैंग अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है, और झूठा शोर मचाकर अपना अस्तित्व बचाने का प्रयास कर रहा है. समाज में बढ़ती संघ की स्वीकार्यता इन्हें सहन नहीं हो रही है. लेकिन झूठ के पांव नहीं होते, सच सामने आ ही जाता है. वैसा ही हुआ भी…..सोशल मीडिया पर सच्चाई सामने आ गई.
भारत में प्रतियोगी परीक्षाएं विषय पर आयोजित राष्ट्रीय विमर्श में उपस्थित प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे. वे बता रहे थे कि किस प्रकार सहमति बनाकर, जनता को विश्वास में लेकर पिरवर्तन किया जा सकता है. इसी दौरान प्रश्न के उत्तर में कहा कि आरक्षण के विषय में समाज में सहमति और सद्भावना का निर्माण हो, इसके संघ निरंतर काम कर रहा है.
बिहार चुनाव के दौरान भी लिबरल गैंग ने इसी तरह तथ्यों को तोड़ा मरोड़ा था.
पूरा वीडियो –
https://www.youtube.com/watch?