वन-वे से काम नहीं टू-वे की जरूरतः मोहन भागवत जी

जयपुर (विसंकें)। कुछ वक्त पहले दिल्ली में हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक आंतरिक बैठक में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने समरसता अभियान पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हम अष्टमी के दिन दलित समाज की कन्याओं को तो अपने घर पर बुला कर पूजा कर लेते हैं, लेकिन क्या हम अपने घरों की कन्याओं को भी उनके घर पर भेजते हैं? संघ प्रमुख ने तब साफ कहा कि समरसता अभियान तभी सफल हो सकता है जब यह दो तरफा हो। यानी सिर्फ दलितों के घर जाकर खाने से काम नहीं चलेगा, उनका भी उसी तरह अपने घर पर स्वागत करना होगा। संघ के दिल्ली में सह प्रांत संघ चालक और वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार जी  ने बताया कि सिर्फ दलितों के घर खाना खाने से समरसता नहीं आएगी। उस समाज की आर्थिक प्रगति और प्रतिष्ठा के लिए भी काम करना होगा। अगर कोई यह सोचता है कि उसके जाने से दलित धन्य हो गए तो यह महज अहंकार है।

सप्तसिंधू कश्मीर मोहोत्सव

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