जयपुर, (विसंकें) . विश्व योग दिवस के अवसर पर भारती शिक्षा समिति, बिहार के तत्वाधान में विद्वत परिषद् पटना महानगर द्वारा एक ‘विद्वत विचार संगोष्ठी’ का आयोजन विद्या भारती कान्फ्रेन्स हॉल, कदमकुआं में किया गया.
कार्यक्रम का उद्घाटन मां शारदा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन के साथ हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. अरूण कुमार सिन्हा जी ने की. न्यूरो सर्जन तथा मेडिपार्क हॉस्पिटल के निदेशक व कार्यक्रम के संयोजक डॉ. शाश्वत कुमार जी ने संगोष्ठी की प्रस्तावना रखते हुए भारत के विकास के लिए यहां के जनमन में राष्ट्रीयता की प्रखर भावना उत्पन्न करने तथा लोगों को अपने कर्तव्यों के प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
मुख्य अतिथि प्रो. दिलीप बेतकेकर जी ने भारत की आध्यात्मिक चेतना, यहां की गौरवशाली परंपराओं के प्रति गौरव भाव, भारतीय जीवन मूल्यों की विश्वव्यापी स्थापना तथा ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों से प्रेरणा लेकर विज्ञान-प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ने का आह्वान किया.
आईआईटी पटना के प्रो. आर.के. बेहरा जी ने भारत की आध्यात्मिक चेतना पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए प्रेम, करूणा, सत्य अहिंसा, दया, परोपकार, सहअस्तित्व, सहयोग, समन्वय की भावना को जगाकर संपूर्ण विश्व को श्रेष्ठ बनाने का आह्वान किया.
प्रदेश मंत्री प्रो. एन.के. पांडेय जी ने भारत के वैश्विक विचार ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना को विस्तार देकर भारत को पुनः विश्वगुरू के रूप में प्रतिष्ठित करने की आवश्यकता बताई. इसका गुरुतर दायित्व हम सब विद्वत समाज पर है. हम जहां भी कार्यरत हैं, इस भाव को प्रतिष्ठित करेंगे.
पूर्व कुलपति प्रो. अरूण कुमार सिन्हा जी ने भारत के प्राचीन ज्ञान-विज्ञान से प्रेरणा लेकर भारत को अधिकाधिक श्रेष्ठ बनाने तथा राष्ट्रीय एकात्मता के विकास के लिए मातृभाषा गौरव बढ़ाने पर बल दिया. अतिथियों का स्वागत एवं परिचय डॉ. कुमार अनुपम जी ने कराया तथा मंच संचालन कार्यक्रम के सूत्रधार व पटना विभाग के विभाग प्रमुख वीरेन्द्र कुमार जी ने किया.