चूरू जिले के रतनगढ़ में 11 वर्षीय छात्र के साथ एक मौलवी ने कुकर्म कर जहां धार्मिक मर्यादा को तार-तार किया है वहीं गुरू शिष्य के रिश्ते की मर्यादा को भी कलंकित करने का घिनौना काम किया है। इस कुकृत्य को मदरसा में तालीम देने वाले मौलवी ने अंजाम दिया है।
जयपुर (विसंकें)। घटना रतनगढ़ के वार्ड 28 में घटित हुई है। शहर के हिंदी मीडियम में कक्षा पांच में पढ़ने वाला 11 वर्षीय छात्र स्कूल में ग्रीष्मकालीन अवकाश होने के कारण शनिवार को पहली बार घर के पास संचालित मदरसा में पढ़ाई करने के लिए गया था। मदरसे की छुट्टी होने के बाद मौलवी ने उसे फल खिलाने के बहाने रोक लिया तथा कुकर्म की घटना को अंजाम दिया। पीड़ित बालक ने देर रात घटना की जानकारी परिजनों को दी, तो रविवार सुबह मदरसे के सामने बवाल मच गया तथा परिजनों ने मौलवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया, जिस पर पुलिस ने मौलवी को गिरफ्तार कर छात्र व मौलवी का मेडिकल करवाया है। पीड़ित छात्र के पिता ने रिपोर्ट में लिखा है कि उनका 11 वर्षीय पुत्र शनिवार को इसी वार्ड में स्थित मस्जिद मुहम्मदी मदरसा मुहम्मदिया में पढ़ाई करने के लिए गया था। मदरसे की छुट्टी होने के बाद सभी बच्चे अपने-अपने घर चले गए, लेकिन मदरसे में तैनात मौलवी इकबाल (23) पुत्र सत्तार निवासी बिगौद भिलवाड़ा ने उसके बेटे को फल देने के बहाने मदरसा में ही रोक लिया तथा उसके साथ कुकर्म किया तथा छात्र को धमकी दी कि इस बारे में किसी को बताया तो जान से मार दूंगा। बच्चा सहमा हुआ दोपहर में घर आया तथा खाना भी नहीं खाया। रात को पीड़ा होने पर उसके साथ हुई घटना की जानकारी उसने परिजनों को दी, तो परिजन रविवार सुबह मदरसा पहुंचे तथा घटना पर आक्रोश व्यक्त किया. इस दौरान परिजनों ने आरोपी मौलवी के साथ मारपीट का प्रयास भी किया. हंगामे के दौरान आरोपी मौलवी को वहां से भगा दिया गया. जिसके बाद आरोपी मौलवी वहां से फरार हो कर अन्य मस्जिद में जाकर छिप गया था. घटना की जानकारी मिलते ही मदरसे के आगे सैंकड़ों लोग इक्कट्ठे हो गए और आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे।
परिजनों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी जिसके बाद आरोपी को औद्योगिक क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने पिता की रिपोर्ट पर मौलवी के खिलाफ धारा 377 एवं पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है।
बच्चे के मेडिकल के लिए दो घंटे करना पड़ा इंतजार
कुकर्म की घटना के बाद जब पुलिस मेडिकल करवाने के लिए अस्पताल पहुंची, तो उसे मेडिकल के लिए दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा। मेडिकल के लिए पुलिस व अस्पताल प्रशासन के अलग-अलग दावे हैं, लेकिन पुलिस पीड़ित छात्र को लिए दो घंटे तक अस्पताल में बैठी रही। एएसआई नंदलाल ने बताया कि साढे़ तीन बजे बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंच गए थे तथा चार बजे के आसपास पीएमओ को मेडिकल के लिए आवेदन कर दिया था, लेकिन शाम छह बजे बाद मेडिकल की कार्रवाई शुरू हुई। वहीं पीएमओ डा. राजेंद्र गौड़ ने कहा कि पांच बजे तहरीर मिली है। मेडिकल बोर्ड बना दिया है। मेडिकल से पूर्व की तैयारियों में थोड़ा समय लगता है।