राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्यभारत प्रांत का दो दिवसीय मातृशक्ति समागम शिविर रविवार को संपन्न हो गया. आयोजन में मध्यभारत प्रांत के आठ विभागों के 31 जिलों से 637 महिलाओं ने भागीदारी की. संघ में कार्यरत मातृशक्ति की दक्षता प्रवर्धन पर केन्द्रित दो दिवसीय सम्मेलन में 18 से 70 वर्ष की महिलाओं ने विभिन्न सत्रों में परिवार और समाज में महिला शक्ति की रचनात्मक भूमिका सुनिश्चित करने का विविध विषयों पर प्रशिक्षण प्राप्त किया.
समापन सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख अनिरुद्ध देशपांडे जी ने कहा कि आप समाज में अपनी सक्रियता से देश के कुछ नासमझ लोगों के इस प्रश्न का जवाब दें कि संघ में महिलाओं की सहभागिता और सक्रियता नहीं है. उन्हें अपनी सक्रियता से बताएं कि संघ में महिला कार्यकर्ताओं की सब क्षेत्रों में सक्रियता है. वे सामाजिक जीवन में बराबर से सक्रिय हैं.
मातृशक्ति सम्मेलन में महिला कार्यकर्ताओं ने बाल किशोरी विकार, गर्भ संस्कार, संयुक्त एवं एकल परिवार, कुटुंब प्रबोधन, व्रत एवं त्यौहार आदि विषयों पर भारतीय संदर्भ में प्रशिक्षण एवं ज्ञान प्राप्त किया. सामाजिक समरसता को महिलाएं कैसे बढ़ा सकती हैं, इस विषय में भी विमर्श किया गया. स्वयं सहायता समूह के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को सशक्त बनाने की जानकारी भी सम्मेलन में दी गई. 29 सितंबर को शिविर का प्रारंभ “मातृशक्ति के संबंध में भारतीय एवं पश्चिम की दृष्टि” विषय पर प्रबोधन एवं परिचर्चा से प्रारंभ हुआ. दो दिवसीय शिविर की नियत दिनचर्या में योग, व्यायाम, प्रार्थना एवं खेल भी सम्मिलित था.