‘लव-जेहाद, गो-तस्करी, जनसंख्या नियंत्रण संबंधी कानून संविधान सम्मत ’
भारतीय संस्कृति को सजीव करना ही संविधान निर्माताओं का मूल ध्येय था
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विश्व संवाद केंद्र, जयपुर द्वारा 26 नवम्बर, 2020 को “संविधान दिवस” के उपलक्ष्य में “वर्तमान परिदृश्य और संविधान” विषयक ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया गया।
परिचर्चा के प्रारम्भ में डॉ. सुरेन्द्र जाखड़ ने बताया कि भारत सरकार ने 2015 में नागरिकों को संविधान के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से 26 नवम्बर को ‘संविधान दिवस’ मनाना आरम्भ किया। आज जब नागरिकों के उत्थान व उन्नति, समाज में शान्ति और भाईचारे की स्थापना के लिए जब लव-जेहाद, गो-तस्करी, आदि को रोकने तथा समान नागरिक संहिता, जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में क़ानून बनाए जा रहे हैं तो अनेक राष्ट्र-विरोधी ताकतें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के छद्म आवरण में देश में अराजकता, अस्थिरता और भय का वातावरण उत्पन्न कर रही हैं। ऐसे में हमें यह जानना जरुरी हो जाता है।
संविधान के भाग 4 में गो-तस्करी, वध रोकने के लिए अनुच्छेद 48 में स्पष्ट प्रावधान हैं तो लव जेहाद, समान नागरिक संहिता के लिए भी कठोर प्रावधान करना संविधान सम्मत है। साथ ही मूल संविधान में भगवान शिव, श्रीराम, श्री कृष्ण, बुद्ध, महावीर आदि के चित्रों से भी यही ध्वनित होता है कि भारतीय संस्कृति को सजीव करना ही संविधान निर्माताओं का मूल ध्येय था।
परिचर्चा में डॉ. सुनील खटीक, विकास कुमार, डॉ अमित झालानी, अभिषेक, रिद्धि, लवी व अन्य उपस्थित नागरिकों ने भी अपने-अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दीप कुमार ने किया