विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन जी ने कहा कि “जिस तरह कश्मीर को आदिलशाह ने हिन्दू विहीन बनाने की कोशिश की थी, ठीक उसी तरह केरल की विजयन सरकार सबरीमाला में अपने अत्याचारों के बल पर ऐसा वातावरण तैयार कर रही है. जिससे वहां अय्यप्पा भक्त जाने से डरें. सबरीमाला में नामजप करना जैसे अपराध हो गया हो. वहां केरल सरकार भक्तों को लाठी, डंडों, जूतों से पिटवा रही है, जिस तरह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की आड़ में अय्यप्पा भक्तों पर लगातार अत्याचार किया जा रहा है, वह निंदनीय है.
डॉ. सुरेंद्र जैन जी ने दिल्ली में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि सरकार सबरीमाला में आने वाले अय्यप्पा भक्तों को सुविधाएं प्रदान करने की बजाय असुविधाएं खड़ी कर रही है. मंदिर क्षेत्र में शौचालयों की व्यवस्था नहीं है और जो है वे उपयोग करने की स्थिति में नहीं हैं. मंदिर में सुबह पूजा करनी होती है, इसलिए भक्तों को एक दिन पहले वहाँ जाना पड़ता है. लेकिन वहाँ विश्राम की कोई व्यवस्था नहीं है, न ही भक्तों को रुकने दिया जा रहा है. इसलिए हम माँग करते हैं कि, मंदिर क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की बहाली की जाए और मुख्यमंत्री विजयन असुविधा के लिए भक्तों से माफी मांगें.
केरल सरकार के अत्याचारों पर न्यायालय ने भी टिप्पणी की है कि सरकार ने मंदिर क्षेत्र को वॉर जोन में परिवर्तित कर दिया है. जिस तरह से बसें चलाने की अनुमति नहीं दी जा रही है, उसे देखते हुए हमें प्राइवेट बसें चलाने की अनुमति देनी पड़ेगी.
उन्होंने मंदिर क्षेत्र में धारा 144 लागू होने पर भी प्रश्न उठाया. डॉ. जैन ने कहा कि वहां न ही दंगा होने की स्थिति थी और न ही अय्यप्पा भक्त कोई आतंकी हैं, तो वहां धारा 144 क्यों लगाई गई है? इस विषय पर भी सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सबरीमाला के विषय में हस्तक्षेप करना चाहिए. मानवाधिकार आयोग ने जो अपना प्रतिनिधिमंडल सबरीमाला भेजा है, वह भी जल्द से जल्द रिपोर्ट दे. यह लड़ाई धर्म बनाम सरकार हो चुकी है क्योंकि संविधान में सभी धर्मों को अपने आस्था के अनुसार पूजा करने का अधिकार है. परन्तु केरल की वामपंथी सरकार संविधान का उल्लंघन कर अय्यप्पा भक्तों की आस्था को कुचलने का काम कर रही है.
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अय्यप्पा भक्तों के साथ सबकी भावनाएं जुड़ी हुई हैं. जल्द से जल्द यह बर्बर दमन बंद किया जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो विश्व हिन्दू परिषद् राष्ट्र व्यापी आंदोलन करेगा और जरुरत पड़ी तो देश भर के साधु संत सबरीमाला जाएंगे.