पांचजन्य पाठक सम्मेलन संपन्न
प्रयागराज। पांचजन्य के प्रथम संपादक देश के यशस्वी प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी वाजपेई की जयंती पर प्रयागराज में पांचजन्य ऑर्गेनाइजर पाठक सम्मेलन संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में प्रबुद्ध पाठकों ने उत्साह के साथ भाग लिया।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन केंद्र पाठ्यक्रम समन्वयक श्री धनंजय चोपड़ा ने सम्मेलन की अध्यक्षता की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने कहा कि पत्रकारिता जन सरोकार तथा जन संस्कार से जुड़ी होती है। पांचजन्य तथा ऑर्गेनाइजर इस कसौटी पर पूरी तरह खरे उतरे हैं। पांचजन्य हम क्यों पढे? इस विषय पर उन्होंने आगे कहा कि वैश्वीकरण के इस दौर में अपनी भाषा तथा संस्कृति को बचाने की चुनौती सामने खड़ी है और जीवन मूल्य बिखर रहे हैं ।पाठकों को यह देखना पड़ेगा की कौन सी पत्रिकाएं भारतीय संस्कारों पर प्रहार कर रही है और कौन उसे आगे बढ़ा रही है। विदेशी सभ्यता एवं संस्कृति को कौन बढ़ावा दे रहा है ।पाठको को इस पर भी निगरानी रखनी होगी ।नए युग की ओर बढ़ने तथा नवाचार का यह समय है। भाषा साहित्य संस्कृति राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। एक सजग पाठक के रूप में नए विमर्श को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी भी हमें निभानी होगी। अपने समय की विद्रूपताओ तथा बदलते हुए चेहरों को जरूर पढ़ें। जगरूक पाठक अन्य लोगों को भी पढ़ना सिखाएं।जो अपने समय और समाज को पढ़ पाया है आगे वही बढ पाया है।
डिजिटलाइजेशन के इस दौर में किताबों को सीने पर रखने का शौक लोग भूल रहे हैं। इंटरनेट मीडिया का वर्चस्व बढ़ रहा है ।बच्चे कार्टून देखते हुए और गेम खेलते हुए बड़े हो रहे हैं । हमें यह कोशिश करनी है कि हम छपे हुए शब्दों को पढ़ें वरना हम सब कुछ खो देंगे। उन्होंने कहा की पत्रिकाएं समाज राष्ट्र के लिए जरूरी होती है। पाठकों की उदासीनता से बहुत सीपत्रिकाओं का भविष्य संकट में है।
काशी प्रांत के प्रचार प्रमुख तथा सम्मेलन के मुख्य वक्ता डॉ मुरारजी त्रिपाठी ने कहा कि पांचजन्य तथा ऑर्गेनाइजर ने सामाजिक विमर्श को ठीक दिशा देने का काम किया है। वर्ष 1948 से प्रथम संपादक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी तथा दीनदयाल जी की प्रेरणा से प्रारंभ हुई इन पत्रिकाओं ने लोकमत के निर्माण और परिष्कार में अपनी महती भूमिका निभाई है। मतांतरण लव जेहाद के षडयंत्रों के पर्दाफाश तथा पश्चिमी मीडिया के टूल किट की पोल खोलने में इन दोनों ही पत्रिकाओं ने बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय विचारधारा की पोषक होने के कारण ही पूरे देश भर के प्रबुद्ध पाठको ने इन पत्रिकाओं को हमेशा पसंद किया है। उन्होंने पाठकों से सदस्यता अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी निभाने की भी अपील की। विषय प्रवर्तन विभाग प्रचार प्रमुख वसु पाठक तथा संचालन प्रयाग दक्षिण भाग के प्रचार प्रमुख कृष्ण मनोहर एडवोकेट ने किया।
सम्मेलन में वरिष्ठ एडवोकेट श्रीकांत केसरवानी, गिरजेश त्रिपाठी, विष्णु जायसवाल, सह विभाग कार्यवाह आशीष मोहन, प्रशांत समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता शिक्षक प्रोफेसर एवं कर्मचारी गण उपस्थित थे