लखनऊ. उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक जी ने जानकीपुरम् सेक्टर आई में नवनिर्मित सरस्वती बालिका विद्या मंदिर के भवन का लोकार्पण किया तथा दस लाख रुपये विद्यालय को देने की घोषणा की. इस अवसर पर महापौर डॉ. संयुक्ता भाटिया, क्षेत्रीय संगठन मंत्री विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश डोमेश्वर साहू जी, कुलपति प्रो. एस.पी. सिंह, कुलपति प्रो. एम.एल.बी. भट्ट, सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे. विद्यालय भवन का शिलान्यास 23 जनवरी, 2016 को महंत नृत्यगोपाल दास एवं केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह जी की उपस्थिति में हुआ था.
राज्यपाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा ‘सर्व शिक्षा योजना’ तथा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के कारण सुखद चित्र देखने को मिल रहा है. 28 विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के नाते यह देखने को मिला है कि वर्ष 2016-17 शैक्षणिक सत्र हेतु सम्पन्न दीक्षांत समारोहों में 15 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई, जिनमें 51 प्रतिशत छात्राओं को उपाधि मिली है. लगभग 66 प्रतिशत छात्राओं को उच्च शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पदक भी दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति सोच बदलनी होगी.
उन्होंने बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन ने कहा था कि बेटी के शिक्षित होने से दो परिवार शिक्षित होते हैं. लड़की शिक्षित होगी तो भी आगे घर ही संभालेगी की, प्रवृत्ति बदली है. बेटियाँ प्रशासनिक, पुलिस, सेना, बैंक आदि महत्वपूर्ण सेवाओं में अपना योगदान दे रही हैं. केवल आत्म निंदा करने या अंधेरे को कोसने के बजाय महिलाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास करें. महिलाओं को शिक्षा के क्षेत्र में और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि आज हम कहाँ हैं, इस पर विचार करते हुए आगे बढ़ने का प्रयास करें.
राज्यपाल ने शिक्षण संस्थानों के बाजारीकरण और मुनाफा कमाने की बढ़ती वृत्ति पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने सरस्वती बालिका विद्या मंदिर द्वारा पच्चीस प्रतिशत गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने के निर्णय की सराहना की. बेटी आगे बढ़ेगी तो देश आगे बढ़ेगा. व्यक्तित्व विकास के चार मंत्र बताते हुये कहा कि सदैव प्रसन्नचित रह कर मुस्कराते रहें, दूसरों के अच्छे गुणों की प्रशंसा करें और अच्छे गुणों को आत्मसात करने की कोशिश करें, दूसरों को छोटा न दिखाएं तथा हर काम को और बेहतर ढंग से करने का प्रयास करें. छात्र-छात्राओं को गुणवत्तायुक्त शिक्षा और संस्कार देने में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है.
महापौर डॉ. संयुक्ता भाटिया ने विद्या भारती के सदस्यों को बधाई दी. उन्होंने नगर निगम की ओर से सहयोग का आश्वासन दिया.
क्षेत्रीय संगठन मंत्री विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश डोमेश्वर साहू जी ने बताया कि विद्या भारती 13 हजार औपचारिक और लगभग 12 हजार अनौपचारिक विद्यालयों का संचालन करता है, जिसमें मलिन बस्ती, आदिवासी एवं सीमावर्ती क्षेत्र के विद्यालय भी सम्मिलित हैं. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में विद्या भारती की ओर से संचालित अन्य प्रकल्पों पर भी प्रकाश डाला. इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये.