दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 1984 सिक्ख विरोधी दंगों में दोषी ठहराए जाने के बाद सज्जन कुमार ने दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर कर दिया. उन्हें दिल्ली के मंडोली जेल लाया गया है.
इससे पहले पूर्व विधायक कृष्ण खोखर और महेन्द्र यादव ने भी सोमवार को आत्मसमर्पण किया. दोनों को 10 साल जेल की सजा सुनाई गई है. वहीं, 73 वर्षीय पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को ताउम्र कैद की सजा सुनाई गई है.
अदालत द्वारा खोखर और यादव का आत्मसमर्पण का अनुरोध स्वीकार करने के बाद दोनों ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदिति गर्ग के समक्ष समर्पण किया. उच्च न्यायालय ने 17 दिसम्बर को मामले में सिक्ख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में फैसला सुनाते हुए सभी दोषियों को 31 दिसम्बर तक आत्मसमर्पण करने का समय दिया था. पूर्व पार्षद बलवान खोखर, नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल को भी इस मामले में दोषी ठहराया था.
अदालत ने सज्जन कुमार की आत्मसमर्पण के लिए और वक्त मांगने संबंधी अर्जी 21 दिसम्बर को अस्वीकार कर दी थी. इसके बाद कुमार ने मामले में ताउम्र कैद की सजा के उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी.
उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि 1984 दंगों के दौरान 2700 से अधिक सिक्ख राष्ट्रीय राजधानी में मारे गए जो कि वास्तव में अविश्वसनीय नरसंहार था. अदालत ने कहा था ये दंगे “राजनीतिक संरक्षण” प्राप्त लोगों द्वारा “मानवता के खिलाफ अपराध” थे. उच्च न्यायालय ने सज्जन कुमार को बरी करने का निचली अदालत का निर्णय रद्द कर दिया था.