सेवा कार्य में अपनेपन का भाव होता है – डॉ मोहनराव भागवत

पटना । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति द्वारा बनने वाले सेवा सदन का भूमि पूजन किया. बिहार के हर कोने से आने वाले मरीजों एवं परिजनों के ठहरने के लिए प्रारंभ किये जाने वाले सेवा सदन के शिलान्यास के बाद उन्होंने कहा कि सेवा आत्मीयता की शुद्ध प्रेरणा से किया जाने वाला कार्य है. पूरी मानवता को अपना कुटुंब मानकर ही सही सेवा कार्य किया जा सकता है. सेवा कार्य में अपनेपन का भाव होता है. यह स्वयंस्फूर्त भाव से किया जाता है. सेवा का उद्देश्य समाज को समर्थवान बनाना होना चाहिए ताकि वह भी सेवा कार्य

करने लायक बन सके.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक पूरे समाज को अपना मानते हैं. संघ की शाखाओं में यह संस्कार उन्हें मिलता है. समाज में जब भी विपत्ति आती है तो संघ के स्वयंसेवक स्वतः स्फूर्त भाव से सेवा कार्य में जुट जाते हैं. समाज का दुःख देखकर स्वयंसेवक अपना दुःख भूलकर सेवा के लिए तत्पर हो जाता है. 17 जुलाई, 2000 को पटना में हुये विमान हादसे की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि सुबह के समय जब विमान हादसा हुआ था तो संघ के स्वयंसेवक शाखाओं से सीधे सेवा कार्य करने आ गए थे.

पटना के फुलवारी स्थित केशव नगर में बनने वाले सेवा सदन की महत्ता को रेखांकित करते हुए उन्होंने बताया कि रोगी और साथ में आने वाले परिजनों को चिकित्सा के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था. उनकी समस्याओं का समाधान व आवश्यकताओं की पूर्ति इस सेवा सदन से की जा सकेगी. कोरोना काल में भारतवर्ष में सेवा का अप्रतिम उदाहरण विश्व के सामने प्रस्तुत किया. भारत की शक्ति समाज है. समाज अगर शक्तिशाली रहा तो सभी विपत्तियों से लड़ा जा सकता है.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रख्यात संत पूज्य जीयर स्वामी ने कहा कि संघ की स्थापना का मूल ही सेवा है. सेवा ही सृष्टि की पहचान और निर्माण है. इसी सेवा से संकल्पित होकर डॉ. हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी. सेवा के बिना जीवन को उज्ज्वल बनाना संभव नहीं है.

कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति के सचिव मोहन सिंह ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन समिति के अध्यक्ष डॉ. पवन अग्रवाल ने किया.

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × one =