भारत ने सोमवार को 1000 किलोमीटर तक मार करने वाली स्वदेशी सब सोनिक क्रूज मिसाइल ‘निर्भय’ का ओडिशा तट से सटे चांदीपुर स्थित टेस्ट रेंज में सफल परीक्षण किया। यह रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित इस मिसाइल का छठा परीक्षण था। निर्भय सब सोनिक क्रूज मिसाइल को देश में ही डिजाइन और तैयार किया गया है। पहली बार इस मिसाइल का परीक्षण 12 मार्च 2013 को किया गया था।
निर्भय मिसाइल की लंबाई 6 मीटर है। इसका व्यास 0.52 मीटर, पंख की लंबाई 2.7 मीटर और लॉन्च के समय का वजन लगभग 1,500 किलोग्राम। यह मिसाइल 300 किलोग्राम परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम है और 1000 किलोमीटर के दायरे में स्थित ठिकानों को निशाना बना सकती है। निर्भय सभी मौसम में काम करने वाली क्रूज मिसाइल है। बताया जाता है कि निर्भय में अमेरिकी टॉमहाक के बराबर क्षमता है।
यह मिसाइल नीचे उड़ान भरने में भी सक्षम है, जिससे यह दुश्मन के रडान से छिपकर आतंकी अड्डों को आसानी से निशाना बना सकती है। यह मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ की कमी को पूरा करती है, क्योंकि उसकी मारक सीमा 290 किलोमीटर है, जबकि निर्भय लंबी दूरी तक मार कर सकती है।
इससे पहले निर्भय सब सोनिक क्रूज मिसाइल का 5 बार परीक्षण किया जा चुका है, पहली बार मार्च 2013, दूसरी बार अक्तूबर 2014, तीसरी बार अक्तूबर 2016, चौथी बार दिसंबर 2016 और पांचवीं बार इस मिसाइल का नवंबर 2017 में परीक्षण किया गया है।
मिसाइल के क्षेत्र में भारत का सफर काफी आगे बढ़ चुका है। भारत के पास सुपर सोनिक मिसाइल ब्रह्मोस के अलावा अंतर-महाद्वीपिय मिसाइल ‘अग्नि’ भी है, जो 5500 किमी से ज्यादा दूरी तक मार कर सकती है।
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