‘स्वदेशी हुंकार सभा’ 25 से, तैयारियां जोरों पर

-हुंकार सभा समन्वय समिति 12390923_1077808872250065_5650278319273428606_nकी बैठक सम्पन्न
जोधपुर, 21दिसम्बर 2015 . स्वदेशी जागरण मंच का ‘स्वदेशी हुंकार सभा’ सम्मेलन 25 से 27 दिसम्बर को जोधपुर स्थित गांधी मैदान में होगा। सम्मेलन की तैयारी जोरों पर है। सम्मेलन की तैयारियों को लेकर हुंकार सभा समन्वय समिति की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता ज्ञानेश्वर भाटी ने की।
उन्होंने बताया कि हमारे देश में 6 लाख से अधिक गांव है व विश्व का सर्वाधिक पशुधन यहां है। देश में 127 प्रकार के विविध कृषि जलवायु क्षेत्र है व एक करोड 24 लाख ग्रामीण उद्यम है लेकिन सम्पूर्ण ग्रामीण अर्थव्यवस्था रासायनिक कीटनाशकों व उर्वरकों के अत्याधिक उपयोग से ग्रस्ति है और इससें हमारा देश इनके विषैलें प्रभावों से खोखला होता जा रहा है। इसका एक मात्र उपाय जैविक कृषि है और हमारी गौ माता इसकी केन्द्र बिन्दु है। गौ माता से प्राप्त प्रत्येक उत्पाद जैविक कृषि के महत्वपूर्ण घटक है। हमारे देश में सिक्किम राज्य पूर्ण जैविक कृषि वाला राज्य है। जैविक कृषि द्वारा हम अपने कृषि जीन्सों का उत्पादन लगभग 25 प्रतिशत तक वृद्धि कर सकते है। जिससे हम जो विदेशों से दाल, खाद्य तेल, गेहूं आदि का आयात करते है। इसको रोका जा सकता है। और बहुमूल्य विदेशी मुद्रा को बचाया जा सकता है। इसके साथ हमारी देशी नस्लों की गौ माता का संरक्षण व संवर्धन होगा और दूध न देने वाली गौ भी उपयोगी साबित होगी उन्होने आगे बताया कि वर्तमान समय में जो केन्द्र सरकार जी.एम. फसलों के खुले परीक्षण की अनुमति प्रदान कर रही है। वह हमारे लिए घातक सिद्ध होगी। इससे हमारी सम्पूर्ण कृषि जैव विविधता समाप्त हो सकतीे है। अभी जो चावल, सरसों, तिल, बैंगन, आदि की सैंकड़ों किस्में उपलब्ध है वह विलुप्त हो जाएंगी। अनुवांशिक परिवर्तित फसलों का प्रभाव अन्य फसलों व पशु पालन की नस्लों पर भी पड़ेगा। इसको रोकने के लिए ही हुंकार सभा द्वारा सरकारों पर दबाव डाला जाएगा कि इसके खुले परीक्षणों पर पूर्णतय रोक लगें।

 

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twenty − 19 =