हिन्दू समाज की एकता के लिए समरस समाज निर्माण हमारी पहली जिम्मेदारी- आलोक कुमार
by Vjaipur · April 19, 2018
जयपुर (वि सं कें)। आर्य समाज दिल्ली द्वारा विश्व हिन्दू परिषद के नव निर्वाचित अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विष्णु सदाशिव कोकजे जी तथा कार्यकारी अध्यक्ष व दिल्ली प्रान्त सह संघचालक श्री आलोक कुमार जी के अभिनन्दन हेतु आर्यसमाज हनुमान रोड में यज्ञ आहुति कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
इस अवसर पर श्री आलोक कुमार ने बताया कि वे तथा श्री विष्णु सदाशिव कोकजे विहिप कार्यालय में पदभार ग्रहण करने से पूर्व भगवान वाल्मीकि जी के उस मंदिर में जाएंगे जिसके बगल में 214 दिन महात्मा गाँधी रहे थे। हिन्दू समाज में जो जातीय विद्वेष हो रहा है, दलित भाइयों को जो परेशानी हो रही है, उस परेशानी को हमें दूर करके हिन्दू समाज की एकता के लिए समरस समाज बनाना है। यह हमारी पहली जिम्मेदारी है। आने वाले दिनों में एक समरस व संस्कारित समाज बनेगा।
विष्णु सदाशिव कोकजे ने बताया कि अंधकारमय समय में अगर हम आशा की किरण ढूंढना चाहते हैं तो उसमें आर्य समाज का आन्दोलन और इतिहास एक बहुत बड़ा संबल रहा है। आज से कई गुना विकत परिस्थिति महर्षि दयानंद के समय में थी। उस समय उन्होंने हिन्दू समाज को संगठित कर उसमें व्याप्त अनेक कुरीतियों पर चर्चा करके उनको हटाने का प्रयत्न किया था। इतने विपरीत वातावरण में अगर महर्षि दयानंद ने उन कुरीतियों को हटा यज्ञ विद्या की पुनर्स्थापना कर दी तो आज के अनुकूल वातावरण में हमें विश्वास है कि हम हिन्दू समाज में जो कुरीतियाँ, कमियां आई हैं उसे दूर कर के हिन्दू समाज को फिर से संगठित कर सकते हैं।
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर डॉ. महावीर जी ने इस अवसर पर कहा कि हरिद्वार में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की स्थापना करने वाले स्वामी श्रद्धानंद, महर्षि दयानंद के बाद एक ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने हिन्दुओं के संगठन के लिए न केवल काम किया बल्कि अपने जीवन की आहुति तक दे डाली। जब तक हिन्दू समाज एक नहीं होगा तब तक बाहरी आक्रमण से नहीं बचा जा सकता, इसी को ध्यान में रखते हुए तथा हिन्दू समाज की एकता के लिए उन्होंने शुद्धिकरण आन्दोलन भी चलाया। हैदराबाद रियासत में निज़ाम के विरोध में मंदिरों की रक्षा के लिए चलाये गए आन्दोलन की सफलता में भी आर्यसमाज के अनेक सन्यासी, तपस्वी महानुभाव थे। अनेक प्रकार की यातनाओं को सहते हुए भी उन्होंने निज़ाम जैसे दुर्दांत व्यक्ति को झुका दिया।
आर्य प्रतिनिधि सभा के महामंत्री श्री विनय ने बताया कि आर्य समाज और हिन्दू समाज में कोई अंतर-अलगाव नहीं है, हम सबके आधार वेद, यज्ञ व गायत्री है। हम सबके आदर्श श्री राम और योगिराज श्री कृष्ण हैं। आज आवश्यकता है कि श्रीराम और श्रीकृष्ण के ध्वज तले जो परंपरा चली उस परंपरा को एक साथ, एक ध्वज तले हम आगे बढ़ाने में सक्षम बनें। यदि इसमें सक्षम नहीं हैं तो यह हमारे कर्तव्य निर्वाह की कमजोरी है।
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