भगवान राम को मुस्लिम महिलाओं ने अपना वंशज बताया
जयपुर, 7 मार्च (विसंकें)। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से अयोध्या में पहली बार मुस्लिम महिलाओं का सम्मेलन आयोजित किया गया। अयोध्या के तुलसी स्मारक भवन स्थित प्रेक्षागृह में पांच मार्च को आयोजित इस सम्मेलन में महिला नेताओं ने तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने की वकालत की और केन्द्र सरकार के विधेयक का विरोध करने वाले उलेमाओं की खिल्ली उड़ाई। इसी के साथ मुस्लिम महिलाओं ने ‘राम’ को एक लाख 24 हजार पैगम्बरों में से एक पैगम्बर मानकर उनकी वंशज होने का भी ऐलान किया। इसके साथ इन महिलाओं ने रामजन्म भूमि पर मंदिर निर्माण का भी समर्थन किया।
सम्मेलन में महिलाओं ने नई इबारत लिखते हुए तारीखी फैसला सुनाया। इन महिलाओं ने न केवल राम मंदिर निर्माण की आवाज बुलंद की बल्कि अधिग्रहीत परिसर में मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर में विराजमान रामलला के दर्शन भी किए। महिला सम्मेलन की संयोजिका एवं लखनऊ विश्वविद्यालय की अरेबिक कल्चर विभाग की प्रोफेसर डॉ. शबाना आजमी ने कहा कि हम उम्मतेमुसलमां हैं जो साजिश नहीं करते, इंसानियत का पैगाम देते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि इंसानी हुकूक के लिए सभी को साथ लेकर चलें। अल्लाह ने एक लाख 24 हजार नबी भेजे थे। उन्हीं में से एक नबी ‘रामजी’ भी हैं। हम सभी उन्हीं की वंशज है तो फिर राम मंदिर निर्माण से हमें परहेज क्यों होगा ?
उन्होंने पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के समय की एक घटना सुनाते हुए बताया कि सउदी अरब में मस्जिद जर्रार उन्हीं के दौर में बनी थी। इस मस्जिद में गैर मुस्लिमों ने कब्जा कर रखा था और तमाम तरह से साजिशें रचते थे। इन्हीं लोगों ने हजरत मोहम्मद साहब को बरगला कर उसी मस्जिद में ले जाकर नमाज अदा कराने की भी कोशिश की थी। उस समय तक हजरत मोहम्मद साहब को मस्जिद को लेकर किसी तरह का कोई इल्म नहीं था लेकिन जब उन्हें रसूलल्लाह का संदेश मिला तो फिर वह वहां नहीं गए। यही नहीं उन्होंने ही मस्जिद को तुड़वा भी दिया था। मुस्लिम मंच की राष्ट्रीय पदाधिकारी डॉ. आजमी ने कहा कि जब पैगम्बर स्वयं मस्जिद को तुड़वा सकते हैं तो फिर पाक सरजमीं अयोध्या में जहां रामजी का अवतार हुआ, वहां मस्जिद के बजाए मंदिर बनवाने में कौन सी दिक्कत है। उन्होंने अपनी कौम के लोगों से अपील भी की कि राम मंदिर निर्माण के लिए आगे आएं जिससे कि आपसी सौहार्द कायम हो और देश तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़े।