समन्वय वर्ग में सीमा जागरण, जनजाति और घुमन्तु कार्य पर भी हुई चर्चा
जयपुर, 20 नवंबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि हमें दोषों से मुक्त और गुणों से युक्त समाज का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि समाज परिवर्तन इच्छा से नहीं आचरण से आता है। इसलिए समाज का आचरण और स्वभाव बदलना पड़ता है। इसी दिशा में हमें काम करना है।
अरुण कुमार रविवार को जयपुर के जामड़ोली स्थित केशव विद्यापीठ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन दिवसीय समन्वय वर्ग में बोल रहे थे। समन्वय वर्ग में घुमन्तु कार्य, सीमा जागरण और जनजाति कार्य पर भी विस्तार पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की आज की आवश्यकता है। समाज भी इसमें सहभागी बन रहा है। गांव तक पेड़ और पानी सरंक्षण व प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग को कैसे ठीक कर सकते हैं। इस पर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त अस्पृश्यता समाप्त हो, इसके लिए एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान की परिकल्पना को व्यवहार में लाना होगा। उन्होंने कहा कि व्यवस्था में परिवर्तन कानून बनाने से नहीं बल्कि समाज का मन बनाकर उसे आचरण और स्वभाव में लाने से आएगा। हमारा जन्म समाज को जोड़ने के लिए हुआ है। इसके लिए हमें सतत काम करना है।
संघ के तीन दिवसीय समन्वय वर्ग का रविवार को समापन हुआ। इसमें 35 विविध संगठनों के करीब 350 प्रमुख कार्यकर्ता शामिल हुए।