भारतीय चित्र साधना का पांचवां राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव चित्र भारती 23 से 25 फरवरी 2024 को पंचकुला में सम्पन्न हुआ।

भारतीय चित्र साधना प्रति दो वर्ष में भारत के नवीन फिल्म निर्माताओं की शॉर्ट एवं डॉक्यूमेंट्री फिल्मों को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से चित्र भारती फिल्मोत्सव का आयोजन करता है। पिछले दो वर्षों से भारतीय चित्र साधना इस आयोजन की तैयारी में लगा था। देश भर के फिल्म
निर्माताओं ने इस बीच बनाई गई अपनी फिल्मों को भारतीय चित्र साधना में भेजा। भारतीय चित्र साधना के
पास 600 से अधिक फिल्में आयीं, जिनमें से 133 फिल्मों का स्क्रीनिंग के लिए चयन हुआ। चित्र भारती में कुल चार स्क्रीन पर इन 133 फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई। सभी चयनित फिल्मों के
निर्माताओं को उनकी फिल्म के लिए प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। साथ ही अलग-अलग श्रेणियों में
विशिष्ट पुरस्कारों के साथ फिल्म निर्माताओं को पुरस्कृत किया गया।
चित्र भारती के तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में हिन्दी फिल्म जगत के जाने माने चेहरों का भी आगमन हुआ, जिन्होंने
मास्टर क्लास के माध्यम से नवीन फिल्म निर्माताओं को फिल्म निर्माण के टिप्स दिए।
फिल्मोत्सव का उद्घाटन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किया। उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त
चर्चित फिल्म निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री, प्रसिद्ध गायक दलेर मेहंदी, पटकथा लेखक एवं अभिनेता चन्द्रप्रकाश
द्विवेदी, विख्यात महिला रेसलर बबिता फोगाट आदि सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम में प्रति दिन दो मास्टर क्लास का आयोजन किया गया, जिनमें चन्द्रप्रकाश द्विवेदी, गायक कन्हैया
मित्तल, विवेक रंजन अग्निहोत्री, फिल्म निर्माता सदुीप्तो सेन व अमिताभ वर्मा द्वारा उभरते हुए फिल्म निर्माताओं
को फिल्म निर्माण से जुड़ी बारीकियों पर विशेष मार्गदर्शन मिला। प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. मनमोहन
वैद्य ने ‘फिल्मों में भारतीयता’ विषय पर अपने विचार रखे। साथ ही चर्चित फिल्म निर्माता विपुल शाह ने
निर्देशन से संबंधित बारीकियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में विशेष रंगारंग प्रस्तुतियों का भी आयोजन किया
गया। यह फिल्मोत्सव हरियाणा में होने के कारण परिसर की साज सज्जा में हरियाणा की लोक संस्कृति के अनुपम दर्शन हुए। हरियाणा के लोक संगीत, नृत्य एवं गीतों से परिसर तीन दिन तक उल्लसित रहा। चित्रकला में पारंगत कलाकारों ने फिल्म जगत से जुड़े कलाकारों के चित्रों की प्रदर्शनी लगाई, जो आगंतुकों के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र रही। फिल्म निर्माताओं के अतिरिक्त देश भर से पधारे अनेक फिल्म समीक्षकों, कलाकारों एवं प्रशंसकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की।
राजस्थान से भी लगभग तीस फिल्में चित्र भारती में भेजी गईं, जिनमें से दस फिल्में स्क्रीनिंग के लिए चयनित
की गईं। इन फिल्मों में दोनों श्रेणियों, शॉर्ट एवं डॉक्यूमेंट्री, की फिल्में शामिल थीं।

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