
विश्व संवाद केन्द्र उत्तराखंड। देहरादून के एक और सपूत ने अपने शौर्य की मिसाल पेश की है। मेजर विभांशु ढौंडियाल को उनकी बहादुरी के लिए शौर्य चक्र मिला है।
सहस्रधारा रोड स्थित गोविंद नगर निवासी मेजर विभांशु गोरखा राइफल्स में तैनात हैं। वीरता पदक से नवाजे गए मेजर विभांशु 26 फरवरी को शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। महज पांच साल की सैन्य सेवा में उनकी इस उपलब्धि पर परिवार को फक्र है। उनके पिता रिटायर्ड कमांडेट आरपी ढौंडियाल ने इस पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि विभांशु की वीरता पर उन्हें नाज है।
मेजर विभांशु सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर वर्ष 2010 में भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट हुए थे। उन्हें गोरखा राइफल्स में कमीशन प्राप्त हुआ। पिछले वर्ष जम्मू-कश्मीर की अग्रिम चैकी पर उन्होंने घुसपैठ कर रहे आतंकियों के खिलाफ शुरू किए गए ऑपरेशन का नेतृत्व किया। एलओसी पर पाक समर्थित चार आतंकी घुसपैठ कर घाटी में बड़ी साजिश रचने की कोशिश कर रहे थे। सूचना मिलते ही मेजर विभांशु के नेतृत्व में आतंकियों की धरपकड़ के लिए ऑपरेशन शुरू किया गया।
सैन्य टुकड़ी ने घुसपैठ कर रहे सभी आतंकियों को उस पार खदेड़ दिया। भारतीय सेना का कोई भी जाबांज इस ऑपरेशन में हताहत नहीं हुआ। उधर, असम राइफल्स पूर्व सैनिक वेल्फेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन (सेनि) अमर सिंह गुसाई ने भी वीरता पदक मिलने पर मेजर विभांशु को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि मेजर विभांशु ने सरहद पर अदम्य साहस व पराक्रम दिखाते हुए आतंकियों को खदेड़ कर वीरता की जो मिशाल पेश की उस पर सभी को नाज है।
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