गाय भारत की सभ्यता—संस्कृति—संतश्री राघवाचार्य

—श्रीराम कृष्ण गौशाला में ‘श्रीगौपुष्टि गोपाल महायज्ञ’
—तीसरे दिन महायज्ञ में सवा लाख आहुतियां
विसंकेजयपुर
चूंरू, 4 नवम्बर। संत रामलखनदास जी महाराज के सानिध्य में फुटाला ग्राम पंचायत की श्रीराम कृष्ण गौशाला में सात दिवसीय 108 कुण्डीय श्रीगौपुष्टि गोपाल महायज्ञ का आयोजन चल रहा है। महायज्ञ के तीसरे 48d967b6-1326-491e-9c6d-076c9d5d7422दिन शुक्रवार को मंत्रोच्चारण के साथ सवा लाख आहुतियां दी गई।
महायज्ञ में संतश्री राघवाचार्य महाराज का भी रहना हुआ। प्रवचन करते हुए राघवाचार्य जी ने कहा कि गाय के बिना भारतीय संस्कृति की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। गाय सुरक्षित है तो भारतीय संस्कृति सुरक्षित है। गाय न केवल भगवान को आराध्य है बल्कि भारत की सभ्यता व संस्कृति भी है।
गोकथा में कथा—वाचक श्री नवल जी ने बताया कि गौ—सेवा का कितना महत्व है इसका अनुमान इस बात से लगा सकते हैं कि भगवान स्वयं गोसंवर्धन के लिए गोपाल बनकर धरती पर प्रकट हुए। स्वयं ग्वाला बनकर गाय की सेवा की और ‘गौसंरक्षण—गौसंवर्धन’ का संदेश दिया।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

five × three =