सेवा संगम : इन्जीनियर के गोपालन की कहानी

जयपुर, सेवा संगम 2023। गाय को दूध के लिए नहीं बल्कि गोबर, गौमूत्र के लिए पालें। इसी उद्देश्य के साथ हरियाणा के गुड़गांव में सिविल इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर जयपुर के भागचंद गोपालन कर रहे हैं। भागचंद ने गाय पर तीन साल तक शोध कर, इसके वैज्ञानिक महत्व समझा। वे आज करीब 24 महिलाओं-पुरूषों को रोजगार देकर गौयुक्त प्रोडक्ट बनाकर बाजार में बेच रहे हैं। वे कहते हैं – देशी गाय एक पशु नहीं बल्कि प्रकृति का अनुपम उपहार है। आधुनिक विज्ञान भी गाय के गुणों को स्वीकारता है।

भागचंद बताते है कि वर्ष-2015 में 31 वर्षीय संत स्वामी गोपालानंदजी की आशीर्वचन से ऐसी प्रेरणा मिली कि भाग-दौड़ भरी जिंदगी में सेवा के जज्बे के साथ गाय माता को स्वास्थ्य की दृष्टि से समझकर जीवन में अपनाने का प्रण लिया। हालांकि उन्हें इस दौरान घरवालों का साथ नहीं मिला और विरोध भी झेलना पड़ा। लेकिन फिर भी वे नहीं डिगे और सेवा भारती से जुड़कर भारत सेवक समाज की ट्रेनिंग लेकर सम्पूर्ण तरह से गाय की सेवा में लग गए।
भागचंद ने बताया कि जनवरी-2018 में गोबर, गौमूत्र से निर्मित पंचगव्य उत्पाद बनाने शुरू किए और देखते ही देखते उन पर ऐसी ‘धेनुकृपा’ हुई कि पिछले वर्ष का टर्नओवर 60 लाख तक पहुंच गया। वर्तमान में उन्होंने जयपुर के समीप आसलपुर गांव में फैक्ट्री लगा रखी है, जहां 50 गाय माताओं से प्राप्त गोबर से तीस तरह की धूपबत्ती, उपले, कप, गोबर की पुट्टी, गोबर से निर्मित दीपक और अनेक प्रकार की कलाकृतियां बना रहे हैं, जो न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी विपणन हो रही हैं।

दीपावली पर छह लाख के गोबर निर्मित दीपक विक्रय किए
भागचंद ने बताया कि उन्होंने धेनुकृपा प्रोडक्ट्स बनाने से लेकर उसे विक्रय करने में 17 महिलाओं और 11 पुरूषों को रोजगार दे रखा है। वे बताते हैं कि पिछले वर्ष दीपावली के मौके पर उन्होंने गोबर से निर्मित 6 लाख दीपक देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी विक्रय किए। युवाओं के नाम एक संदेश में भागचंद बताते हैं कि पढ़ाई बिना कुछ नहीं है, उससे दिमाग का विकास होगा लेकिन पढ़ाई के साथ-साथ गाय की सेवा करने को अपना सौभाग्य समझें। गाय को दूध के लिए नहीं बल्कि गोबर, गौमूत्र के लिए पालकर उसका वैज्ञानिक महत्व समझते हुए सेवा में जुट जाएं।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

fifteen + 8 =