जयपुर, 06 फरवरी। इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय संगठन सचिव बालमुकुंद पाण्डे ने कहा कि यूरोप के इतिहासकारों का लिखा इतिहास यदि पढ़ेंगे तो उसमें भगतसिंह आतंकवादी नजर आएंगे, जबकि भगतसिंह ‘भारत माता’ की स्वाधीनता के लिए बलिदान हुए क्रांतिवीर हैं।
बालमुकुंद पाण्डे इतिहास संकलन योजना की रविवार को जयपुर में आयोजित राजस्थान क्षेत्र की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जनमानस तक भारतीय दृष्टिकोण से लिखा गया इतिहास पहुंचाने के लिए देश के इतिहासकारों को अथक परिश्रम करना होगा क्योंकि यूरोपीय दृष्टि ने हमारे गौरवपूर्ण व वैज्ञानिक तथ्यों को दबा दिया है। उन्होंने आह्वान किया कि संकलन समिति से जुड़े प्रत्येक इतिहासविद, युवा और शोधकर्ताओं को पुस्तक लिखते समय भारतीय चैतन्यता को ध्यान में रखना होगा।
राष्ट्रीय सचिव हेमंत धींग मजूमदार ने कहा कि भारतीय वेद-उपनिषद-पुराण भारत के इतिहास के मुख्य स्रोत हैं, वे संस्कृत में हैं। उन तक पहुंच कम हो इसलिए कालांतर में संस्कृत को ही दबाया गया। हमें संस्कृत का अध्ययन भी बढ़ाना होगा और भारतीय दृष्टिकोण से इनका अनुवाद करना होगा। इसके लिए प्रिंट, डिजिटल व अन्य माध्यमों का उपयोग कर जानकारी प्रसारित करने की आवश्यकता है।
प्रतिवर्ष हो ‘इतिहास दिवस’—
संकलन समिति राजस्थान क्षेत्र के संगठन सचिव छगनलाल बोहरा ने बताया कि, आगामी तीन माह के भीतर प्रदेश के सभी जिलों में इतिहास संकलन समिति की जिला इकाई का गठन किया जाएगा। बोहरा ने समिति की कार्ययोजना पर कहा कि, जहां पर जिला इकाई काम कर रही हैं उसे और अधिक मजबूती दी जाएगी। जहां पर इस संबंध में कार्य नहीं हो रहा हैं वहां पर नए कार्यकर्ताओं की टोली बनाकर इकाई का गठन किया जाएगा। साथ ही प्रतिवर्ष इतिहास दिवस मनाने, हर माह किसी एक विषय पर गोष्ठी का आयोजन, हर वर्ष एक शोध पुस्तक का प्रकाशन व प्रत्येक जिले में कम से कम पचास आजीवन सदस्य बनाने पर भी बैठक में सहमती बनी है।
बैठक में वरिष्ठ इतिहासविद मोहनलाल साहू को सर्वसम्मति से राजस्थान क्षेत्रीय अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ की क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य हनुमान सिंह राठौड़, इतिहास संकलन समिति राजस्थान क्षेत्र के सह संगठन सचिव राकेश शर्मा व तीनों प्रांत इकाइयों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।